निम्न पदों (शब्दों) को समझाइए
(i) वैद्युत कण संचलन, (ii) स्कंदन, (iii) अपोहन, (iv) टिन्डल प्रभाव,
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1.) वैद्युत कण संचलन
कोलॉइडी कणों पर धनात्मक़ या ऋणात्मक विद्युत आवेश होता है। जिससे ये कण विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में विपरीत आवेशित इलेक्ट्रोड की ओर अभिगमन करते हैं। विद्युत क्षेत्र में कोलॉइडी कणों के विपरीत आवेशित इलेक्ट्रोड की ओर अभिगमन (migration) की घटना को विद्युत कण-संचलन कहते हैं।
2.) स्कंदन
जब कोलॉइडी विलयन में किसी विद्युत्-अपघट्य की अल्प मात्रा मिलायी जाती है तो इनके कणों का आवेश नष्ट हो जाता है जिससे कोलॉइडी कण आपस में मिलकर बड़े हो जाते हैं तथा अवक्षेप के रूप में नीचे बैठ जाते हैं। कोलॉइडी विलयन के इस प्रकार अवक्षेपित हो जाने की क्रिया को स्कंदन (coagulation) कहते हैं l
3.) अपोहन
यदि किसी लवण और स्टार्च के विलयन को सैलोफेन की थैली भरकर उसे आसवित जल में लटका दिया जाए तो लवण के आयन सैलोफेन से होते हुए आसवित जल में प्रवेश कर जाते हैं और स्टार्च थैली के भीतर रह जाता : है। यह प्रक्रिया अपोहन (Dialysis) कहलाती है।
4.) टिन्डल प्रभाव
जब प्रकाश किसी कोलायडी(chemical mixture) माध्यम से होकर गुजरता है तो प्रकाश का प्रकीर्णन होता है तथा प्रकाश का मार्ग दिखाई देने लगता है, प्रकाश की इस घटना को ही टिंडल प्रभाव कहा जाता है।