Hindi, asked by jpjitendra5300, 6 days ago

निम्न पद्दांश का सन्दर्भ साहित व्याख्या कीजिए तथा काव्यसौन्दर्य भी लिखिए
पंचवटी की छाया में है, सुंदर वर्ण कुटीर बना , उसके सम्मुख स्वच्छ शीला पर , धीर वीर निर्भीक मना | जरा रहा यह कौन धनुधर, जबकि भुवंभर सोता है? भोगो कुसु मयूद्ध योगी सा , बना दृष्टि गत सोता है

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Answered by DivyanshiSomya
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Answer:

आदमी नामा' शीर्षक कविता के अंशों को पढ़कर हमारे मन में मनुष्य के प्रति यह धारणा बनती है कि, आदमी ही है जो अच्छा और बुरा दोनों कार्य करता है। अच्छे कार्य करने और दूसरों की भलाई करने के कारण वह पीर और देवता के समान बन जाती है, परंतु मनुष्य जब दूसरों को सताने का काम करता है तो वह निंदा का पात्र बन जाता है।

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