(४) निम्न शब्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए:
मिट्टी , चाँद, खरगोश, कागज
Answers
सूझबूझ से हल
एक बड़े से जंगल में शेर रहता था। शेर का गुस्सा बहुत तेज था । सभी जानवर उससे बहुत डरते थे। वह सभी जानवरों को परेशान करता था। वह आए दिन जंगलों में पशु-पक्षियों का शिकार करता था। शेर की इन हरकतों से सभी जानवर दुखी थे।
एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने एक सम्मेलन रखा। जानवरों ने सोचा शेर की इस रोज-रोज की परेशानी से तो क्यों न हम खुद ही शेर को भोजन ला देंं ।
सभी जानवरों ने एकसाथ शेर के सामने अपनी बात रखी। इससे शेर बहुत खुश हुआ। उसके बाद शेर ने शिकार करना भी बंद कर दिया। जानवरों ने सोचा की इसे हम एक कागज़ मे सब जानवरों का नाम लिखकर चिट बनाकर एक चिट निकालेंगे जिसका नाम चिट में होगा वह जानवर शेर के पास चला जायेगा | अगले दिन एक हिरण का नाम आया वह मरना नहीं चाहता था | वह रोने लगा उसी समय एक खरगोश मिट्टी से भरा हुआ आगे आया बोला "तुम दुखी मत हो | मै शेर के पास जाऊंगा | " सब बोले तो वो तुम्हें खा लेगा | खरगोश बोला "तुम लोग मेरी चिंता मत करो मै वापस आऊँगा | तुम सब यही मेरा इंतजार करो |"'
शेर को बहुत जोरों से भूख लग रही थी। चतुर खरगोश शेर के पास देर से पहुँचा | जब खरगोश शेर के सामने गया। शेर ने दहाड़ते हुए खरगोश से पूछा इतनी देर से क्योंं आए?
चतुर खरगोश बोला, शेरजी रास्ते में ही मुझे दूसरे शेर ने रोक लिया और बोला इस जंगल का राजा तो मैं हूं यह दूसरा शेर कहां से आ गया। शेर बोला कौनसा शेर ? जंगल में मै ही एक शेर हूं और मै ही राजा |
खरगोश ने बोला, चलो शेरजी मैं आपको बताता हूं वो कहां है। शेर खरगोश के साथ जंगल की तरफ गया। चतुर खरगोश शेर को बहुत दूर ले गया। खरगोश शेर को कुएं के पास ले गया और बोला शेरजी इसी के अंदर रहता है वह शेर।
शेर ने जैसी ही कुएं में देखा और दहाड़ लगाई। उसे उसी की परछाई दिख रही थी। वह समझा दूसरा शेर भी उसे ललकार रहा है। उसने वैसे ही कुएं में छलांग लगा दी। इस प्रकार जंगल के अन्य जानवरों को उससे मुक्ति मिली और खरगोश की सबने खूब सराहना की। सबने खरगोश से पूछा तुम ने ये कैसे किया ? उसने पूरी कहानी सुनाई | उसने कहा ये युक्ति एक दिन मुझे कुएं में चाँद की परछाई देखकर सूझी | इस तरह चतुर खरगोश ने सबकी जान बचा ली |
Answer:
सूझबूझ से हल
एक बड़े से जंगल में शेर रहता था। शेर का गुस्सा बहुत तेज था । सभी जानवर उससे बहुत डरते थे। वह सभी जानवरों को परेशान करता था। वह आए दिन जंगलों में पशु-पक्षियों का शिकार करता था। शेर की इन हरकतों से सभी जानवर दुखी थे।
एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने एक सम्मेलन रखा। जानवरों ने सोचा शेर की इस रोज-रोज की परेशानी से तो क्यों न हम खुद ही शेर को भोजन ला दें ।
सभी जानवरों ने एकसाथ शेर के सामने अपनी बात रखी। इससे शेर बहुत खुश हुआ। उसके बाद शेर ने शिकार करना भी बंद कर दिया। जानवरों ने सोचा की इसे हम एक कागज़ मे सब जानवरों का नाम लिखकर चिट बनाकर एक चिट निकालेंगे जिसका नाम चिट में होगा वह जानवर शेर के पास चला जायेगा | अगले दिन एक हिरण का नाम आया वह मरना नहीं चाहता था। वह रोने लगा उसी समय एक खरगोश मिट्टी से भरा हुआ आगे आया बोला "तुम दुखी मत हो । मै शेर के पास जाऊंगा।" सब बोले तो वो तुम्हें खा लेगा । खरगोश बोला "तुम लोग मेरी चिंता मत करो मै वापस आऊँगा। तुम सब यही मेरा इंतजार करो ।''
शेर को बहुत जोरों से भूख लग रही थी । चतुर खरगोश शेर के पास देर से पहुँचा | जब खरगोश शेर के सामने गया। शेर ने दहाड़ते हुए खरगोश से पूछा इतनी देर से क्यों आए?
चतुर खरगोश बोला, शेरजी रास्ते में ही मुझे दूसरे शेर ने रोक लिया और बोला इस जंगल का राजा तो मैं हूं यह दूसरा शेर कहां से आ गया। शेर बोला कौनसा शेर ? जंगल में मै ही एक शेर हूं और मै ही राजा
खरगोश ने बोला, चलो शेरजी मैं आपको बताता हूं वो कहां है । शेर खरगोश के साथ जंगल की तरफ गया। चतुर खरगोश शेर को बहुत दूर ले गया। खरगोश शेर को कुएं के पास ले गया और बोला शेरजी इसी के अंदर रहता है वह शेर।
शेर ने जैसी ही कुएं में देखा और दहाड़ लगाई। उसे उसी की परछाई दिख रही थी । वह समझा दूसरा शेर भी उसे ललकार रहा है। उसने वैसे ही कुएं में छलांग लगा दी। इस प्रकार जंगल के अन्य जानवरों को उससे मुक्ति मिली और खरगोश की सबने खूब सराहना की। सबने खरगोश से पूछा तुम ने ये कैसे किया ? उसने पूरी कहानी सुनाई। उसने कहा ये युक्ति एक दिन मुझे कुएं में चाँद की परछाई देखकर सूझी। इस तरह चतुर खरगोश ने सबकी जान बचा ली ।