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सुबह की सैर
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शरीर को तंदरुस्त और मन की ख़ुशी के लिए व्यायाम बड़ा ही जरूरी है। सुबह की कसरत करना बड़ा ही आनंददायक अनुभव होता है। सुबह की सैर करने के अपने ही कुछ अलग फ़ायदे हैं जो हमारे शरीर से लेकर मन को जनत का अनुभव कराते हैं।
सुबह की सैर करने से आप दिनभर तरोताज़ा महसूस करते हैं इसके इलावा यह आपको कई बिमारियों से लड़ने की शक्ति भी देती है। सुबह के समय हवा बिल्कुल ताज़ी बिना प्रदूषण के होती है जो हमारे शरीर के लिए बड़ी ही फायदेमंद होती है जो सीधा हमारे फेफड़ों तक पहुंचती है । सुबह की कसरत करने से हमारा ब्लड प्रेसर (Blood Pressure) नार्मल रहता है और बड़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल भी कम हो जाता है। अगर किसी को सांस लेने में तकलीफ होती है तो सुबह की कसरत उसके लिए बड़ी ही फायदेमंद रहती है। इससे दिल स्वास्थ् रहता है और बढ़ा हुआ वजन नियंत्रण में रहने लगता है।
सुबह की सैर सूर्य निकलने से पहले करनी चाहिए।
Answer:सुबह की सैर अत्यंत आनंददायक कृत्य है । यह कार्यारंभ का सर्वश्रेस्ठ आयोजन है । यह प्रकृति से साक्षात्कार का एक सुंदर तरीका है । यह दिन भर तरोताजा रहने के लिए किया जाने वाला उत्तम उपाय है । यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा कार्य है । यह लोगों को चुस्त और तंदुरुस्त रखता है ।
सुबह हवा में ताजगी होती है । प्रकृति नई अंगड़ाई लेती प्रतीत होती है । संसार रात भर के विश्राम के बाद नई ताजगी और उमंग से युक्त होता है । प्रात: कालीन किरणों में अद्भुत ऊर्जा होती है । बागों में कलियाँ खिलकर फूल का रूप धारण कर लेती हैं! घास पर ओस के ठंडे कण दिखाई देते हैं । प्रकृति के अनुपम रूप की शोभा देखते ही बनती है । हजारों लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए निकल पड़ते हैं । किसान अपने खेतों की मेड़ों पर चहलकदमी करते हैं । कुछ लोग तालाब या बाग-बगीचे का चक्कर लगाते हैं । शहरों में भी अनेक पार्क हैं । यहाँ बच्चे, युवा और वृद्ध एक साथ सैर का आनंद उठाते हैं
पर आलसी लोगों की बात अलग है । उन्हें सूर्योदय के समय जगने की आदत नहीं है । वे रात में देर से सोते हैं और आठ-नौ बजे तक ही उठ पाते हैं । उन्हें प्रात: काल की सैर के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं । जब उन्हें तरह-तरह की बीमारियाँ घेर लेती हैं, जब उन्हें मानसिक तनाव और परेशानियों का सामना करना पड़ता है तब उनकी नींद टूटती है । लेकिन जब जागो तभी सवेरा…..अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा इसलिए सुबह उठो, मुँह-हाथ धोओ और सैर पर निकल पड़ी । जरा सा चले नहीं कि आलस्य मिटा । थोड़ी ही देर में शरीर स्फूर्तिवान हो उठा ।
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