निम्नलिखित अपठित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गये प्रश्नों के उत्तरों
चाह नहीं मै सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ ।
चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ ॥
चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि! डाला जाऊँ ।
चाह नहीं देवों के सर पर चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ ॥
मुझे तोड़ लेना बनमाली , उस पथ पर देना तुम फेंक ।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएँ वीर अनेक ॥ अ) सुरबाला शब्द का प्रयोग कवि ने किसके लिए किया है ?
क) कन्याओं के लिए ख) माला के लिए
ग) औरतों के लिए
आ) सम्राट का स्त्री लिंग क्या है?
क) सम्राटी
ग) राजकुमारी
घ) अप्सराओं के लिए
ख) महारानी
घ) साम्राज्ञी
इ) फूल कहाँ जाकर गिरना चाहते है ?
क) देशभक्तों के मार्ग पर ख) सुरबाला के गहनों पर ग) देव-देवताओं के सिर पर घ) सम्राटों के शव पर
ई) निम्नलिखित में से कवि की क्या इच्छा है ?
क) सुरबाला के गहनों में गूँथे जाने की ख) सम्राटों के शव पर डाले जाने की
ग) देवी- देवताओं पर चढ़ाए जाने की घ) मातृभूमि पर शीश चढ़ाने की
उ) प्रस्तुत काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है
क) एक फूल की चाह
Answers
Answered by
0
Explanation:
मुहावरे का अर्थ- मु़ह खिलना
Similar questions