Hindi, asked by ishaankapoor96902, 10 months ago

निम्नलिखित अवतरण का सार लगभग एक-तिहाई शब्दों में लिखिए और एक शीर्षक भी दीजिए 3-1-4
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे निज सुख-दुख बाँटने के लिए घर-परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त
बाहर समान सभी हमउम्र साथी की आवश्यकता महसूस होती है जिससे वह अपनी कह-मुन सका
वह बचपन से ही मित्र या दोस्त नाम को चुनता रहता है। जीवन के हर पडाव पर वह मित्र का हा
अपना सच्चा हमदर्द मानकर उससे बात करता है, उसकी सलाह लेता है उस पर विश्वास करता है
आदि। तुलसीदास ने मित्र उसे बताया है जो दुख में, विपत्ति में काम आए.) "जो न मित्र दुख शाह
दुखारी, तिन्हहि विलोकत पातक भारी। जो अपने मित्र के धूल समान छोटे-से दुख को भारी-पवत
जैसा और अपने पर्वत जैसे बड़े दुख को रज-धूल समान सम रहीम ने भी सच्चे मित्र की पहचान
बताते हुए कहा है, 'विपति कसौटी जो कसे, तेई साँचे मीत।
सच्चा मित्र अनमोल रत्न समान होता है कृष्ण-सुदामा की मित्रता प्रसिद्ध है, मित्रता जाति-पांति,
छोटा-बड़ा, अमीरी-गरीबी व अन्य भेद-भाव से बहुत ऊपर, ऊँचाइयों को एती है।​

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Answered by Deepasharmanks
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शीर्षक है मित्रता ही सच्चा सुख

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