निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- असल में दोनों काल मिथ्या हैं । एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो बर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत और भविष्य दोनों काल उड़ गए थे। केबल वर्तमान क्षण सामने था। और वह अनंत काल जितना विस्तृत था। क) गद्यांश में किन दो कालों के बारे में बात की गई है और उनकी क्या विशेषता है ? ख) लेखक ने किस काल को सत्य माना है और क्यों ? ग) गद्यांश से लेखक क्या समझाना चाहता है?
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कवि कल युग को झूट और द्वापर युग और तेरेता युग को स्त्य माना है
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क) गद्यांश के विषय वस्तु को देखकर यह प्रतीत होता है कि गद्यांश में जिन दो विषयों पर बात की गई है वह है भूत काल और भविष्य काल। इनकी यह विशेषता है कि एक बीत चुका है और दूसरा अभी आया नहीं है।
ख) लेखक ने वर्तमान काल को सत्य माना है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है कि केवल वर्तमान ही हमारे सामने हैं। ना हम भूत को देख सकते हैं और ना आने वाले समय को देख सकते हैं।
ग) गद्यांश में लेखक यह कहना चाहते हैं कि हम सभी को केवल अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए। भूत और भविष्य की चिंता को छोड़ कर वर्तमान को देखना चाहिए।
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