Hindi, asked by AliceCoolin4207, 11 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर लिखिए- एक स्वस्थ व्यक्ति की परिभाषा कुछ शब्दों में बताना कठिन है। किसी को क्षणिक देखने भर से नहीं कहा जा सकता कि वह नितांत स्वस्थ है या रूग्ण है। कोई व्यक्ति देखने में मोटा-ताजा, रूप-सौन्दर्य से युक्त भले ही हो सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह शारीरिक तौर पर हर तरह से स्वस्थ होगा। वास्तव में व्यक्ति का बाह्य रूप उसकी अन्तः शक्ति को एक झलक में प्रदर्शित नहीं कर पाता। यद्पि कभी-कभी विषाद और अन्तर्दव्नद का भाव व्यक्ति के मुख पर छलक जाता है, उस तरह हृदय की प्रसन्नता-छाप भी मुख पर दिखाई दे जाती है। ये दोनों प्रसन्नता और वेदना के भाव परिवर्तनशील होते हैं। इन स्थितियों में भी अधिकता-न्युनतम का परिवर्तन होता रहता है। वास्तव में ये वे हृदय-आवेग हैं, जो हमें हमारे बाह्य प्रभाव से प्राप्त होते हैं। इन दोनों प्रभावों का संबंध मनुष्य के स्वास्थ्य से होता है। विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ आदमी के शरीर को क्षति तो पहुँचाती ही हैं, उसके मनोबल को भी कमज़ोर कर देती हैं। व्यक्ति का अच्छा स्वास्थ्य एक लम्बी प्रक्रिया के फलस्वरूप प्राप्त होता है। अच्छे स्वास्थ्य वाला व्यक्ति अपने दैनन्दिन कार्य बड़ी कुशलता के साथ कर लेता है। कृश तन वाला व्यक्ति भी स्वस्थ हो सकता है और स्थूलकाय व्यक्ति भी रोगी हो सकता है। शारीरिक संरचना से किसी के अच्छे या खराब स्वास्थ्य का पता नहीं चलता। अच्छे स्वास्थ्य वाला व्यक्ति वही होता है जिसमें अपने कार्य करने की क्षमता हो, स्फूर्ती हो, ऊर्जा हो और वह आलस्य रहित हो। ऐसा व्यक्ति अपनी कार्यक्षमता के बल पर अपने कार्य यथासमय निपटा लेता है, उसका चिन्तन सकारात्मक होता है और किसी भी काम के लिए अन्य के भरोसे नहीं रहता। इसीलिए कहा जाता है कि – "स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है।" क) अच्छे स्वास्थ्य के क्या-क्या लाभ हैं? ख) स्वस्थ व्यक्ति किसे माना जाता है और क्यों? ग) व्यक्ति की मुख-छवि किन आवेगों के कारण बदलती है? घ) लेखक स्वस्थ शरीर में किसका निवास मानता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं? ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए।

Answers

Answered by chandrashekharrai
4

Answer:

title of this passage can be "saririk swasthya ka mahatva"

Answered by shishir303
11

दिये गये गद्यांश को पढ़कर सारे प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार होंगे....

(क) अच्छे स्वास्थ्य के क्या-क्या लाभ हैं?

उत्तर — अच्छे स्वास्थ्य के अनेक लाभ हैं। अच्छे स्वास्थ्य वाले व्यक्ति का चिंतन सदैव सकारात्मक होता है। वह ऊर्जावान, स्फूर्तिदायक और आलस रहित होता है। वह अपनी कार्यक्षमता के बल पर अपने सभी कामों को सही समय पर निपटा लेता है और अपने किसी भी काम के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं होता। उसका तन-मन सदैव प्रफुल्लित रहता है।

(ख) स्वस्थ व्यक्ति किसे माना जाता है और क्यों?

उत्तर — स्वस्थ व्यक्ति उसे माना गया है, जो एकदम ऊर्जावान होता है, जो आलस्य रहित होता है, जिसमें कार्य करने की अपूर्व क्षमता होती है। जो अपने सारे काम सही समय पर निपटा लेता है और किसी दूसरे पर निर्भर नही होता। जिसे किसी भी तरह का कोई रोग नही होता।

(ग) व्यक्ति की मुख-छवि किन आवेगों के कारण बदलती है?

उत्तर — व्यक्ति की मुख छवि प्रसन्नता एवं विषाद आदि आवेगों के कारण बदलती रहती है। प्रसन्नता यानी सुख में व्यक्ति के मुख पर प्रसन्नता का भाव दिखाई देता है तो वहीं दुख में व्यक्ति के चेहरे पर निषाद का भाव दिखाई देता है। अर्थात व्यक्ति की मुख की छवि सुख-दुख रूपी बाहरी कारणों से बदलती रहती है।

(घ) लेखक स्वस्थ शरीर में किसका निवास मानता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर — लेखक के अनुसार स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है। इसके कारण यह है कि स्वस्थ शरीर वाला व्यक्ति का मन सदैव प्रसन्न चित्त रहता है। चूंकि वह अपने अच्छे स्वास्थ्य के कारण सारे कार्य सफलतापूर्वक कर लेता है, इसलिए उसके मन में किसी तरह का विषाद या नकारात्मक भाव उत्पन्न नहीं होता और उसका मन प्रसन्न चित्त एवं स्वस्थ रहता है। इसलिए लेखक में स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास माना है

(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर — उपर्युक्त गद्यांश के लिए उचित होगा...

स्वस्थ तन-स्वस्थ मन

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