Hindi, asked by Surender6362, 10 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए- किसी भी जीव के शरीर और मानस के सबसे ऊपर मस्तिष्क है। इस मस्तिष्क का स्वभाव कैसे तय होता है? बुद्धि में होने वाले विचार से। इसका मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति के वंशानुगत स्वभाव को उसकी बुद्धि उसका विवेक बदल सकता है। इसका मतलब यह है कि हमारे बर्ताव, हमारे कर्म पर हमारा वश है, चाहे दुनिया भर पर न भी हो। तुम अपने स्वभाव को बदल सकते हैं, अपनी बुद्धि में बारीक बदलाव लाकर। इसके लिए हमें मस्तिष्क की रूप-रेखा पर एक नज़र दौड़ानी होगी। हमारे मस्तिष्क के दो विभिन्न अंश हैः चेतन और अवचेतन। दोनों ही अलग-अलग प्रयोजनों के लिए जिम्मेदार हैं और दोनों के सीखने के तरीके भी अलग-अलग हैं। मस्तिष्क का चेतन भाग हमें विशिष्ट बनाता है, वही हमारी विशिष्टता है। इसकी वजह से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से अलग होता है। हमारा कुछ लग-सा स्वभाव, हमारी कुछ अनोखी सृजनात्मक शक्ति- ये सब मस्तिष्क के इसी हिस्से से संचालित होती हैं, तय होती हैं। हर व्यक्ति की चेतन रचनात्मक ही उसकी मनोकामना, उसकी इच्छा और महत्वाकांक्षा तय करती है। इसके विपरीत मस्तिष्क का अवचेतन हिस्सा एक ताकतवर प्रतिश्रुति यंत्र जैसा ही है। यह अब तक के रिकार्ड किए हुए अनुभव दोहराता रहता है। इसमें रचनात्मक नहीं होती। यह उन स्वचलित क्रियाओं और उस सहज स्वभाव कोनियंत्रित करता है, जो दुहरा-दुहरा कर, हमारी आदत का एक हिस्सा बन चुका है। यह जरूरी नहीं है कि अवचेतन दिमाग की आदतें और प्रतिक्रियाएँ हमारी मनोकामनाओं या हमारी पहचान पर आधारित हों। दिमाग की आदतें और प्रतिक्रियाएं हमारी मनोकामनाओं या हमारी पहचान पर आधारित हों। दिमाग का यह हिस्सा अपने जन्म के थोड़े पहले, माँ के पेट में ही सीखना शुरू कर देता है जैसे जीवन के ‘चक्रव्यूह’ में उतरने से पहले ही ‘अभिमन्यु’ पाठ सीखने लगा हो! यहाँ से लेकर सात साल की उमर तक वे सारे कर्म और आचरण हमारे दिमाग का यह अवचेतन हिस्सा सीख लेता है जो भावी जीवन के लिए मूल आधार हैं। क) कौन-सा कथन सही है? 1. वंशानुगत स्वभाव को अपने विवेक और बुद्धि से बदल सकते हैं 2. वंशानुगत स्वभाव को अपने विवेक और बुद्धि से नहीं बदल सकते हैं 3. व्यवहार और कर्म पर किसी का वश नहीं है 4. नियति ही सर्वोच्च है और होनी होकर रहती है ख) हम अपने स्वभाव को कैसे परिवर्तित कर सकते हैं? 1. चेतन मस्तिष्क को समझकर 2. अवचेतन मस्तिष्क को समझकर 3. बुद्धि में सूक्ष्म परिवर्तन लाकर 4. मस्तिष्क की रूप-रेखा पर नज़र दौड़ाकर ग) किसी व्यक्ति को दूसरे से भिन्न और विशिष्ट स्वभाव का बनाता हैः 1. चेतन मस्तिष्क 2. अवचेतन मस्तिष्क 3. हमारे कर्मों का फल 4. हँसमुख व्यवहार घ) अभिमन्यु की चर्चा से लेखक प्रतिपादित करना चाहता है कि- 1. चेतन मस्तिष्क जन्म से पहले ही काम करना शुरू कर देता है 2. अवचेतन मस्तिष्क जन्म से पहले ही काम करना शुरू कर देता है 3. अवचेतन मस्तिष्क चक्रव्यूह जैसा होता है 4. हमारा आचरण हमारे भविष्य का निर्माता है ङ) सृजनात्मक और रचनात्मक कार्यों की जिम्मेदारी है - 1. मानव स्वभाव की 2. चेतन मस्तिष्क की 3. अवचेतन मन की 4. वंशानुगत स्वभाव की

Answers

Answered by chandrashekharrai
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Answer:

maf karna I can't help you

Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उतर इस प्रकार है -

क) कौन-सा कथन सही है?

इसका सही जवाब है :

वंशानुगत स्वभाव को अपने विवेक और बुद्धि से बदल सकते हैं

वंशानुगत स्वभाव को अपने विवेक और बुद्धि से इसलिए बदल सकते हैं,  विवेक और बुद्धि दोनों हमारे स्वभाव को बदल सकते है| क्योंकि मस्तिष्क का स्वभाव बुद्धि में होने वाले विचार से तय होता है और बुद्धि में होने वाले विचारों को बदलकर हम अपने वंशानुगत स्वभाव को बदल सकते हैं|

ख) हम अपने स्वभाव को कैसे परिवर्तित कर सकते हैं?

इसका सही जवाब है :

बुद्धि में सूक्ष्म परिवर्तन लाकर

अगर हम अपने स्वभाव में परिवर्तन करना चाहते हैं तो हमें अपने स्वभाव को बदलना  होगा और तब हम अपने स्वाभाव को बदल कर सकते हैं|

ग) किसी व्यक्ति को दूसरे से भिन्न और विशिष्ट स्वभाव का बनाता हैः

इसका सही जवाब है :

चेतन मस्तिष्क

मस्तिष्क का चेतन भाग हमें विशिष्ट बनाता है, वही हमारी विशिष्टता है। इसकी वजह से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से अलग होता है।

घ) अभिमन्यु की चर्चा से लेखक प्रतिपादित करना चाहता है कि-

इसका सही जवाब है :

अवचेतन मस्तिष्क जन्म से पहले ही काम करना शुरू कर देता है|  

अवचेतन मस्तिष्क अपने जन्म के थोड़े पहले, माँ के पेट में ही सीखना शुरू कर देता है जैसे जीवन के ‘चक्रव्यूह’ में उतरने से पहले ही ‘अभिमन्यु’ पाठ सीखने लगा हो!

ङ) सृजनात्मक और रचनात्मक कार्यों की जिम्मेदारी है -

इसका सही जवाब है :

चेतन मस्तिष्क की

सृजनात्मक और रचनात्मक कार्यों की जिम्मेदारी चेतन मस्तिष्क की है क्योंकि मस्तिष्क का ये भाग हमें विशिष्ट बनाता है, वही हमारी विशिष्टता है। इसकी वजह से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से अलग होता है।

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