निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दें- मानव जाति अपने उद्भवकाल से ही प्रकृति की गोद में और उसी से अपने भरण-पोषण की सामग्री प्राप्त की। सभी प्रकार के वन्य या प्राकृतिक उपादान ही उसके जीवन और जीविका के एकमात्र साधन थे। प्रकृति ने ही मानव जीवन को संरक्षण प्रदान किया। रामचंद्र, सीता व लक्ष्मण सभी ने पंचवटी नामक स्थान पर कुटिया बनाकर वनवास का लंबा समय व्यतीत किया था।वृक्षों की लकड़ी से मानव अनेक प्रकार के लाभ उठाता है। उसने लकड़ी को ईंधन के रूप में प्रयुक्त किया। इससे मकान व झोंपड़ियाँ बनाईं। इमारती लकड़ी से भवन-निर्माण, कृषि यंत्र, परिवहन, जैसे-रथ, ट्रक तथा रेलों के डिब्बे तथा फर्नीचर आदि बनाए जाते हैं। कोयला भी लकड़ी का प्रतिरूप है। वृक्षों की लकड़ी तथा उसके उत्पाद; जैसे-नारियल का जूट, लकड़ी का बुरादा, चीड़ की लकड़ी आदि का प्रयोग फल, काँच के बरतन आदि नाजुक पदार्थों की पैकिंग में किया जाता है।
1. लकड़ी और कोयले में क्या संबंध है?
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