Hindi, asked by meghnakumar2020, 1 day ago

•निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। व्यक्ति को जीवन में स्वयं पर भरोसा रखना चाहिए | जीवन जीना भी एक कला है | जो स्वावलंबन का महत्वपूर्ण पाठ न केवल पढ़ता है , बल्कि उसे सतत व्यावहारिक रूप देने का प्रयत्न करता है , वही सफल होता है | इसके लिए दृढ़ - निश्चय , आत्मविश्वास , रात - दिन की जागरूकता और निरंतर अध्यवसाय जैसे तत्व परमावश्यक हैं | इन्हीं के दवारा अपने हाथों को जगन्नाथ के उच्चतम पद पर प्रतिष्ठित किया जा सकता है | अत : आज व्यक्ति से लेकर राष्ट्र तक यह एक महत्वपूर्ण और प्राथमिक आवश्यकता है कि हम लोग अपने हाथों में शक्ति पैदा करें और जापान के जगन्नाथों की तरह बनें । इसी राह से देश तरक्की कर पाएगा | इतिहास के पन्नों को उलटकर देखने पर पता चलता है कि विश्व में जितने भी सफल एवं प्रेरणादायक लोग थे , उनके व्यक्तित्व में स्वावलंबन तथा आत्मविश्वास का गुण कूट - कूटकर भरा था तथा वे एकाग होकर अपने लक्ष्य की ओर पूर्ण लगन से आगे बढ़े ।
1. गदयांश में किस महत्वपूर्ण गुण का वर्णन किया जा रहा है ?
2.स्वावलंबन के साथ अन्य किन गुणों का होना भी आवश्यक है ?
3.स्वयं को उच्च पद पर किस प्रकार प्रतिष्ठित किया जा सकता है ?
4.'जीवन जीना भी एक कला है ' - पंक्ति का अर्थ स्पष्ट करें |​

Answers

Answered by bhagyashreelad626
1

Answer:

1. Svavalamban tatha aatmavishvas

2.Unake vyaktitva me svavalamban tatha aatmavishvas ka gun kut-kutkar bhara tha tatha ve ekag hokar apane lakshya ki aaur purn lagan se aage bathe|

Similar questions