Hindi, asked by ahirwarpradeep65, 4 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
बहुत से मनुष्य यह सोच-सोचकर कि हमें कभी सफलता नहीं मिलेणी देव हमारे विपरीत है, अपनी सफलता
अपने ही हाथों पीछे धकेल देते हैं। उनका मानसिक भाव सफलता और विजय के अनुकूल बनता ही नहीं तो सफलत
और विजय कहाँ ? यदि हमारा मन शंका और निराशा से भरा है तो हमारे कामों का परिचाय भी निराशाजनक ही होगा
क्योंकि सफलता की, विजयकी उन्नति कोकुजी तो अविचल श्रद्धा ही है।
उपर्युक्त गद्यांश भाषा भारतीकक्षा के किस पाठ से लिया गया है?
स गद्यांशकाअर्थ अपने शब्दों में लिखिए-​

Answers

Answered by keshavips22
4

Answer:

पीछे

Explanation:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

बहुत से मनुष्य यह सोच-सोचकर कि हमें कभी सफलता नहीं मिलेणी देव हमारे विपरीत है, अपनी सफलता

अपने ही हाथों पीछे धकेल देते हैं। उनका मानसिक भाव सफलता और विजय के अनुकूल बनता ही नहीं तो सफलत

और विजय कहाँ ? यदि हमारा मन शंका और निराशा से भरा है तो हमारे कामों का परिचाय भी निराशाजनक ही होगा

क्योंकि सफलता की, विजयकी उन्नति कोकुजी तो अविचल श्रद्धा ही है।

उपर्युक्त गद्यांश भाषा भारतीकक्षा के किस पाठ से लिया गया है?

स गद्यांशकाअर्थ अपने शब्दों में लिखिए-

Answered by riteshkumarvikashkum
1

Answer:

Ek Charitra Jamun Ka aavishkar se kya tatparya hai Samjha kar likhiye

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