India Languages, asked by vinayprabhas9018, 11 months ago

निम्नलिखित गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
(क) आ ब्राह्यणो ब्रह्यवर्चसी जायतामाराष्ट्रेराजन्यः शूरSइषव्योSति व्याधि महारथो । जायतां दोग्ध्री धेनुर्वोढ़ानड्वानाशुः सप्तिः पुरन्ध्रिर्योषा जिष्णुः रथेष्ठा सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायतां निकामे-निकामे नः पर्यन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम् ।

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Answered by CyberSweta
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Answer:

Don't know...................

Answered by coolthakursaini36
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प्रसंग-> प्रस्तुत मन्त्र यजुर्वेद से लिया गया है। इस मंत्र में राष्ट्र को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई है।

सरलार्थ-> ईश्वर इस राष्ट्र में ब्राह्मण तेजधारी हों तथा क्षत्रिय महान बलशाली हों और शत्रु दल का विनाश करने वाले हो। गाय दुधारू हों, नारी इस राष्ट्र का आधार हो, बलवान सभ्य योद्धा, यज्ञ कर्म करने वाले पुत्र हों, बादल हमारी इच्छा अनुसार वर्षा करें, तथा गर्मी का शमन करें, फल फूलों से लदी सारी औषधियां रोगों का नाश करने वाली हों, योग क्षेमकारी, हमारी स्वाधीनता हो, ईश्वर हमारी प्रार्थना सुन लीजिए हमारे देश में ब्राह्मण धर्म-कर्म युक्त और व्रत धारी हों|

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