निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढिए और पुछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
सृष्टि का परमपिता है एक, नाम रख डाले किंतु अनेक
वही है राम, वही है अल्लाह, वही है खुदा, वही है गॉड
वही है कृष्ण, वही है क्राइस्ट, बनाया अपना अपना इष्ट
सभी ने दिया प्रेम-संदेश, मगर क्यों झुलस रहा यह देश|
न जाने क्या होगा अंजाम, धर्म के नामे, ये कत्लेआम
राम - राम - राम !
धुँआ ही धुँआ, लपट ये चीख, जिंदगी माँग रही है भीख
नाचते चाकु, छुरे, कृपाण, मुडे है उधर, जिधर इंसान
घृणा की आग, हवस का शोर, सुनाई देता है हर ओर
खुदा के बंदो, मनु की संतान, यदि प्यारा है हिंदुस्तान
लगाओ इस पर शीघ्र - विराम, धर्म के नाम, ये कत्लेआम,
राम - राम - राम !
(i) उपर्युक्त काव्यांश में कवि ने कैसे वातावरण को चित्रित किया है?
(ii) उपर्युक्त काव्यांश में कवि किस कार्य पर विराम लगाने की बात कर रहा है और क्यों?
(iii) क) कवि ने कत्लेआम का क्या आधार बताया है?
ख) कवि के अनुसार धर्मों में क्या संदेश निहित है?
(iv) उपर्युक्त काव्यांश का शीर्षक लिखते हुए बताइए कि हिंसा का इंसान पर कैसा प्रभाव पडता है?
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i) उपर्युक्त काव्यांश में कवि ने सांप्रदायिक आधार पर खून खराबे को बंद करने का अनुरोध किया है जिसके लिए कवि आपसी लडाइ के कारण वातावरण में तनाव और असुरक्षा के भाव के बीच सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म के उदार तत्वों को पहचानने व मर्यादा को बनाए रखने के लिए कह रहा है|
ii) उपर्युक्त काव्यांश में कवि ने धर्म के आधार पर होने वाले सांप्रदायिक दंगों पर विराम लगाने का अनुरोध किया है, क्योंकि ये कत्लेआम का कृत्य धर्म व मानवता के विरूद्ध है|
iii) क) सांप्रदायिक द्वेष
ख) सभी धर्मों ने प्रेम संदेश दिया है|
iv) उपर्युक्त काव्यांश का शीर्षक होगा ‘राम-राम-राम’| हिँसा का हमारे समाज पर बुरा प्रभाव पडता है|Similar questions
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