Hindi, asked by bains7293, 6 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
आदमियों को तिजारत करना मूर्खों का काम है सोने और लोहे के बदले मनुष्य को भेजना मना है आजकल आप की कलम का दाम तो हजारों रुपया है परंतु मनुष्य कोड़ी के 100 100 बिकते हैं सोने और चांदी की प्राप्ति से जीवन का आनंद नहीं मिल सकता सच्चा आनंद तो मुझे मेरे काम से मिलता है मुझे अपना काम मिल जाए तो फिर स्वर्ग प्राप्ति की इच्छा नहीं मनुष्य पूजा ही सच्ची ईश्वर पूजा है आज से हम अपने ईश्वर की तलाश किसी वस्तु खान या तीरथ में नहीं करेंगे अब तो यही इरादा है कि मनुष्य की अनमोल आत्मा में ईश्वर के दर्शन करेंगे यही आठ है यही धर्म है मनुष्य के हाथ से ही ईश्वर के दर्शन कराने वाले निकलते हैं बिना काम बिना मजदूरी बिना हाथ की कला कौशल के विचार और चिंतन किस काम के जिन देशों में हाथ और मुंह पर मजदूरों की धूल नहीं पढ़ने पाती वह धर्म और कला कौशल में कभी उन्नति नहीं कर सकते पद्मासन निगम में सिद्ध हो चुके हैं वही आसन ईश्वर प्राप्ति में देख करा सकते हैं जिनसे जोतने बोने काटने और मजदूरी का काम लिया जाता है लकड़ी ईट और पत्थर को पत्थर को मूर्तिमान करने वाले करने वाले लोहार मैं मार तथा किसान आदि वैसे ही पुरुष हैं जैसे कवि और योगी आदि उत्तम से उत्तम और नीच सैनी काम सब के सब प्रेम रूपी शरीर के अंग हैं|


प्रश्न1 आदमियों की तिजारत से आप क्या समझते हैं? 2
प्रश्न2 मनुष्य पूजा को ही ईश्वर की पूजा क्यों कहा गया है?
प्रश्न 3 लेखक के अनुसार धर्म क्या है|
प्रश्न 4 लोहार बढ़ाई और किसान की तुलना कवि महात्मा और योगी से क्यों की गई है?
प्रश्न 5 लेखक को सच्चा आनंद किस से मिलता है| ?
प्रश्न 6 गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|?​

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