निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखिए -
Answers
१. भारत में मूर्तिकला का आरम्भ हड़प्पा सभ्यता से माना गया है |
२. मौर्यकाल कि मूर्तिकला में यथार्थता और आकर्षक सौन्दर्य अभूतपूर्व है, अशोक कालीन मूर्तिकला इसी युग की है |
कुषाण काल की मथुरा में पाई गई यक्षिणियों की मूर्तियाँ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, इस काल की मूर्तिकला में सामाजिक जीवन के आनंद और उल्लास को प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है |
३. गंधार प्रदेश(अफगानिस्तान) में ग्रीक कलाकारों ने अपनी शैली से जिन भारतीय विषयों, अभिप्रायों, प्रतीकों का कलात्मक रूपायन किया, उन्हें गंधार शैली के नाम से जाना जाता है|
गंधार शैली का विकास कुषाण काल में हुआ था | इस शैली क सभी मूर्तियाँ सिर्फ बौद्ध स्थलों से प्राप्त हुई हैं |
४. बुद्ध कि मूर्तियों के निर्माण में गंधार शैली का प्रयोग हुआ है |
६. भारतीय मूर्तिकला के विकास में हिन्दू धर्म का विशेष योगदान है | हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा वैष्णव भक्ति का मुख्य आधार रही है |
ईश्वर के साकार रूप की आराधना के लिए मूर्ति को ही ईश्वर मानकर उसकी पूजा-अर्चना वैष्णव भक्ति का मुख्य अंग है |
ईश्वर के विभिन्न अवतारों तथा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों का निर्माण काफी लम्बे समय से होता रहा है |
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