निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पिता के ठीक विपरीत थीं हमारी बेपढ़ी-लिखी माँ । धरती से कुछ ज्यादा ही धैर्य और
सहनशक्ति थी शायद उनमें । पिता जी की हर ज्यादती को अपना प्राप्य और बच्चों की हर
उचित-अनुचित फरमाइश और ज़िद को अपना फ़र्ज़ समझकर बड़े सहज भाव से स्वीकार करती
थीं वे । उन्होंने जिंदगी भर अपने लिए कुछ माँगा नहीं, चाहा नहीं... केवल दिया ही दिया ।
हम भाई-बहिनों का सारा लगाव (शायद सहानुभूति से उपजा) माँ के साथ था लेकिन निहायत
असहाय मजबूरी में लिपटा उनका यह त्याग कभी मेरा आदर्श नहीं बन सका... न उनका
त्याग, न उनकी सहिष्णुता ।
(क) माँ की उपमा धरती से क्यों की गई है ?
(ख) लेखिका को माँ का कौन-सा रूप अच्छा नहीं लगता था ? क्यों ?
(ग) लेखिका और उसके भाई-बहिनों की सहानुभूति किसके साथ थी ?
Answers
Answer:ohitkumar480 Helping Hand
उत्तर (क)ःक्योकी माँ मे धरती से कुछ ज्यादा सहन शक्ति होती हैं।
(ग)ःलेखक और उनके भाई और बहनों का लगाव माँ से थी।
Explanation:
(क)
लेखिका ने माँ की उपमा धरती के साथ इसलिए की है क्योंकि माँ भी धरती के समान सहनशील होती है। यह धरती अच्छे बुरे सब तरह के व्यक्तियों का बोझ उठाती है और सहनशीलता से सबकी अच्छाइयों-बुराइयों को स्वीकारती है, और उन्हें अपनी आगोश में समेटे रखती है। उसी प्रकार माँ भी अपनी संतान के सुख-दुख, अच्छाई बुराई सबको सहनशीलता से स्वीकारते हुये अपने दामन में समेटे रखती है। माँ भी धरती के समान सहनशील है, इसलिए लेखिका ने माँ की उपमा धरती के साथ की है।
(ख)
लेखिका को माँ का मजबूरी में किया गया त्याग अच्छा नहीं लगता। क्योंकि लेखिका को शिकायत थी कि माँ जिंदगी भर त्याग की मूर्ति बनी रही। अपने लिए कुछ भी नहीं चाहा और अपना फर्ज समझकर त्याग करती रही। इसलिए लेखिका को फर्ज की मजबूरी में लिपटा हुआ माँ का यह त्याग कभी अच्छा नहीं लगा।
(ग)
लेखिका और उसके भाई बहनों को अपनी माँ से सहानुभूति थी क्योंकि उनकी माँ ने जीवन उनके भले के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया।