निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए
अश्वारोही पास आया । ममता ने रुक-रुककर कहा–"मैं नहीं जानती कि वह शहंशाह था, या साधारण मुगल; पर एक दिन इसी झोपड़ी के नीचे वह रहा । मैंने सुना था कि वह मेरा घर बनवाने की आज्ञा दे चुका था । मैं आजीवन अपनी झोपड़ी के खोदे जाने के डर से भयभीत रही । भगवान ने सुन लिया, मैं आज इसे छोड़े जाती हूँ ।तुम इसका मकान बनाओ या महल, मैं अपने चिर-विश्राम-गृह में जाती हूँ ।"
(अ) प्रस्तुत अवतरण का सन्दर्भ लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) 1. शहंशाह शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है ?
2. ‘चिर-विश्राम-गृह’ से क्या आशय है ?
3. आजीवन भयभीत रहने का कारण लिखिए ?
Answers
(अ)
प्रस्तुत गद्य हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक के "ममता" नामक पाठ से उद्धृत है | इसके लेखक श्री जयशंकर प्रसाद हैं |
(ब)
लेखक कहते हैं कि ममता ने अश्वारोही से कहा कि उस व्यक्ति ने मेरे घर के निर्माण कराने के लिए कहा था | मैं जीवन भर इस भय में रही कि में अपनी झोपड़ी को ना खो दूँ |
लेकिन भगवान ने मुझे बेघर होने से बचा लिया | अब मेरे जीवन का अंतिम समय निकट है और अब मुझे कोई चिन्ता नहीं है | मैं अब उस घर जा रही हूँ जहां अनंत समय तक विश्राम प्राप्त हो |
(स)
1. शहंशाह शब्द बाबर के पुत्र हुमायूँ के लिए आया है |
2. चिर-विश्राम-गृह का अर्थ भगवान के दिव्य धाम से है |
3. हुमायूँ ने उसका नया घर बनवाने का आदेश दिया था | ममता को अपनी झोपड़ी को खो देने का भय था |
More Question:
निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
पहले पहाड़ काटकर उसे खोखला कर दिया गया, फिर उसमें सुन्दर भवन बना लिए गए, जहाँ खंभों पर उभरी मूरतें विहँस उठीं । भीतर की समूची दीवारें और छतें रगड़कर चिकनी कर ली गयीं और तब उनकी जमीन पर चित्रों की एक दुनिया ही बसा दी गई । पहले पलस्तर लगाकर आचार्यों ने उन पर लहराती रेखाओं में चित्रों की काया सिरज दी, फिर उनके चेले कलावन्तों ने उनमें रंग भरकर प्राण फूँक दिए । फिर तो दीवारें उमग उठीं. पहाड़ पुलकित हो उठे ।
(अ) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) पहाड़ों को जीवन्त कैसे बनाया गया है ? गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
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Explanation:
आजीवन भयभीत रहने का कारण लिखिए ?