निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
ईर्ष्या से बचने का उपाय मानसिक अनुशासन है । जो व्यक्ति ईर्ष्यालु स्वभाव का है, उसे फालतू बातों में सोचने की आदत छोड़ देनी चाहिए । उसे यह भी पता लगाना चाहिए कि जिस अभाव के कारण वह ईर्ष्यालु बन गया है, उसकी पूर्ति का रचनात्मक तरीका क्या है । जिस दिन उसके भीतर यह जिज्ञासा आएगी, उसी दिन से वह ईर्ष्या करना कम कर देगा ।
(अ) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) 1. प्रस्तुत गद्यांश में लेखक क्या कहना चाहता है ?
2. ईर्ष्यालु व्यक्ति कब से ईर्ष्या करना कम कर सकता है ?
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isn't it so biggggg make it small thank you mate
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