Hindi, asked by shobhasingh0905, 5 months ago

निम्नलिखित गद्यांश में उपयुक्त विराम-चिहन लगाइए-
वृक्ष फलों से लदकर झुक जाते हैं जैसे अपने फलों को श्रद्धानत होकर बाँटने को तत्पर हों नदियाँ पानी लिए दूर
दूर का रास्ता नापती हैं क्यों संसार का कल्याण करने के लिए धरती माँ सब कुछ देखती है सहती है फिर भी माँ की
तरह सबको पालती है शस्य श्यामला बनकर सब कुछ लुटाने को तत्पर सूर्य की गरमी और चंद्रमा की शीतलता
बिना भेदभाव निःस्वार्थ भाव से हमारी सेवा में तल्लीन हैं बादल बरसते हैं हवा चलती है कभी प्रत्युपकार में कुछ
माँगा इन्होंने नहीं यही निःस्वार्थ सेवा है​

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Answered by pal1276p3
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Answer:

वृश फलो से लदकर झुक जाते है,जैसे

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