निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - हमारे देश में , इस समय धनपतियों का इतना जोर नहीं है । यहाँ धर्म के नाम पर कुछ इने गिन आदमी अपने हीन स्वार्थो की सिद्धि के लिए करोड़ों आदमियों की शक्ति का दुरुपयोग किया करते हैं । गरीबों का धनावों द्वारा चूसा जाना इतना बुरा नहीं है , जितना बुरा यह है कि वहाँ है धन की मार , यहाँ पर है बुद्धि की मार । वहाँ उन दिखान करोडों को वश में किया जाता है और फिर मनमाना धन पैदा करने के लिए जोत दिया जाता है । यहाँ है बुद्धि पर पर्दा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना और फिर धर्म , ईमान , ईश्वर और आत्मा के नाम पर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए लोगों को लड़ाना भिड़ाना ।
क ) पाश्चात्य देशों और भारत में क्या अंतर है ?
ख ) बुद्धि की मार से क्या अभिप्राय है ?
ग ) धर्म के नाम पर किन लोगों का शोषण करते है ?
Answers
Answer:
पाश्चात्य देशों में धन का बोलबाला है। वहाँ धनी लोग गरीब लोगों को धन दिखाकर उनका शोषण करते हैं। हमारे देश में धन का उतना ज़ोर नहीं है। यहाँ कुछ लोग बुद्धि पर पर्दा डाल धर्म के नाम पर स्वार्थ सिद्धि के लिए लोगों को आपस में भिड़ाते हैं।
बुद्धि पर मार' का अर्थ है बुद्धि पर पर्दा डालकर उनके सोचने समझने की शक्ति को काबू में करना। लेखक का विचार है कि विदेश में धन की मार है तो भारत में बुद्धि की मार। यहाँ बुद्धि को भ्रमित किया जाता है। जो स्थान ईश्वर और आत्मा का है, वह अपने लिए ले लिया जाता है।
आशय-भारत में धार्मिक नेता लोगों की बुधि का शोषण करते हैं। धर्म के नाम पर ऐसे लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करके दूसरे लोगों की शक्ति का दुरुपयोग करते हैं। पहले वे अपने प्रति अंधी श्रद्धा उत्पन्न करते हैं। वे स्वयं को ईश्वर के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
Explanation:
Hope it's helpful to you
Answer:
यहाँ अर्थात् भारत में कुछ लोग अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए लोगों का बौधिक-शोषण करते हैं। वे धर्म के नाम पर तरह तरह की विरोधाभासी बातें साधारण लोगों के दिमाग में भर देते हैं और धर्म के नाम पर उन्हें गुमराह कर उनका मसीहा स्वयं बन जाते हैं। इन धर्माध लोगों को धर्म के नाम पर आसानी से लड़ाया-भिड़ाया जा सकता है। कुछ चालाक लोग इनकी धार्मिक भावनाएँ भड़काकर अपनी स्वार्थपूर्ति करते हैं।
Explanation: