Hindi, asked by santoskkumar1702, 9 months ago

निम्नलिखित गध्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए --
" सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य यह देखना है की उसकी रूचि किन कार्यों की ओर अधिक है I यह बात अलग है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है I लार्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे I इसी सिद्धान्त के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीला - ढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास कियाI वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन- भर योग्य न बन सका I स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है, बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा I प्राय: यह सम्भावना प्रबल होती है की छोटी आयु में कविता करने वाला कवि, सेना बनकर चलनेवाला सेनापति, भुट्टे चुराने वाला चोर - डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रूचि रखने वाला वैज्ञानिक बनेगा I
जब यह विदित हो जाए कि लड़के की रूचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाएI ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुया अपने काम - धन्धे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है, जिनके काम - धन्धे का पूर्ण प्रतिबिम्बबचपन में नहीं दीखता, वे उपवाद ही हैं I
प्रत्येक मनुष्य में एक विशेष कार्य को अच्छी प्रकार करने की शक्ति होती है I वः बड़ी दृढ़ और उत्कृष्ट होती है I वः देर तक नहीं छिपती I उसी के अनुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती है I जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुन लिया तो समझ लीजिए कि बहुत बड़ा काम कर लिया I

(क) लॉर्ड वेस्टरफील्ड का क्या सिद्धान्त था? समझाइए I
(ख) इसे उसने सर्वप्रथम किस पर अजमाया? और क्या परिणाम रहा ?
(ग) बालक आगे चलकर कैसा मनुष्य बनेगा, इसका अनुमान कैसे लगाया जा सकता है ?
(घ) सही कार्यक्षेत्र चुनने के क्या लाभ हैं?
(ङ) उपर्युक्त गध्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए I

Answers

Answered by babliyadavb
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(क) लार्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे ,और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे Iमतलब यह है कि वे मानते थे कि,  सिर्फ परिश्रम से ही आदमी सफल हो सकता हैI

(ख)इसे उसने सर्वप्रथम अपने पुत्र(स्टेनहाप) पर आजमाया,और इसका परिणाम यह मिला कि वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन- भर योग्य न बन सकाI

(ग) बालक आगे चलकर कैसा मनुष्य बनेगा इसका पता उसके बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है ,कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा I

(घ)सही कार्यक्षेत्र चुनने से धन्धे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है I

(ङ) उपर्युक्त गध्यांश से हमें यह  शिक्षा मिलती है कि,मनुष्य को जीवन में वही कार्य करना चाहिए ,जिसमें उसकी रुचि हो, इससे मनुष्य कम परिश्रम में अधिक सफल हो सकता है I

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Q.1.परिश्रम से सफलता पाने वाले कोई चार व्यक्ति के नाम संस्कृत मे नाम

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