निम्नलिखित जानकरी के आधार पर ५०. से ६० शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
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मन की शांति
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एक सेठ के पास अपार धन-संपत्ति थी, लेकिन उसके मन में शांति नहीं थी। एक दिन उसने एक साधु के पास जाकर इसका समाधान मांगा। साधु ने कहा कि जैसा मैं कहूं करते रहना, तुम्हें मन में शांति मिल जाएगी।
अगले दिन साधु ने सेठ को कड़ी धूप में बैठाया और खुद कुटिया में चले गए। दूसरे दिन साधु ने उसे कुछ भी खाने-पीने को नहीं दिया और स्वयं पकवान खाते रहे। तीसरे दिन सेठ गुस्से में आकर बोला, महाराज, मैं यहां बड़ी आशा लेकर आया था, किंतु मुझे यहां निराशा ही मिली।
साधु बोले कि मैंने तो तुम्हें शांति की युक्ति बता दी। पहले दिन तुम्हें धूप में बैठने के लिए कहा और मैं स्वयं कुटिया में बैठा तो, तुम्हें बताया कि मेरी छाया तुम्हारे काम नहीं आएगी। उसी तरह शांति भी तुम्हें अपनी मेहनत और पुरुषार्थ से ही मिलेगी। उसके लिए तुम्हें खुद ही मन की शांति प्रदान करने वाले काम करने होंगे। सुनकर सेठ की आंखे खुल गईं।
अगर मन हो अशांत
यदि मन शांत हो तो जीवन सुखमय बीतता है और मन अशांत हो तो मिलने वाली सफलताओं में भी पूरी खुशी नहीं मिलती। सही बात यही है कि जब हमारा मन शांत होता है तो हम चीजों को सही रूप में देख पाते हैं।
सहज और शांत मन के जरिए ही हम जीवन को जी सकते हैं। मन की शांति के लिए कुछ छोटे कदम मददगार साबित हो सकते हैं। इसमें सबसे पहला है सकारात्मक सोच। अगर आप हर बात को सकारात्मक सोच के साथ देखते हैं तो जीवन की आधी समस्याएं दूर हो जाती हैं और मन को असीम शांति मिलती है।
दूसरा है ईर्ष्या और द्वेष। अगर आप दूसरों से जलन रखना, ईर्ष्या रखना छोड़ दें तो भी आप सुकून महसूस करेंगे। हमारी आदत है कि हम हमेशा अपने से संपन्न लोगों को देखकर दुखी होते हैं लेकिन यदि हम अपने से नीचे लोगों को देखेंगे तो अच्छा महसूस करेंगे कि कम से कम हम तो उनसे अच्छी स्थिति में तो हैं।