निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।
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उत्तर :
‘हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीजें बिखरी पड़ी है जो अपने पात्र की तलाश में है।’
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है -
रामन् चाहते थे कि हर व्यक्ति अपने आसपास हो रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की खोजबीन एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से करें। हमारे चारों तरफ प्रकृति में अनेक ऐसी चीजें हैं जिन्हें यदि हम ध्यान से देखें तो वह हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं और हम से कहती हैं कि हमारे रहस्य को उद्घाटित करो। कोई रामन् जैसा शोधार्थी ही प्रकृति के अज्ञात रहस्यों से पर्दा उठा सकता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
‘हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीजें बिखरी पड़ी है जो अपने पात्र की तलाश में है।’
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है -
रामन् चाहते थे कि हर व्यक्ति अपने आसपास हो रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की खोजबीन एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से करें। हमारे चारों तरफ प्रकृति में अनेक ऐसी चीजें हैं जिन्हें यदि हम ध्यान से देखें तो वह हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं और हम से कहती हैं कि हमारे रहस्य को उद्घाटित करो। कोई रामन् जैसा शोधार्थी ही प्रकृति के अज्ञात रहस्यों से पर्दा उठा सकता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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हमारे आस-पास के वातावरण में अनेक चीजें बिखरी हैं, पर हमारा ध्यान उनकी ओर नहीं जाता। पेड़ से सेब गिरना, समुद्र का नीला होना लोग सदियों से देखते आ रहे हैं, पर न्यूटन और रामन् के अलावा किसी का ध्यान उस ओर नहीं गया। वास्तव में इन चीजों को देखने, उन्हें सही ढंग से सँवारने के लिए योग्य व्यक्तियों की सदैव जरूरत रहती है।
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