निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और... दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है।
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उत्तर :
“शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और... दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है।”
इन पंक्ति के द्वारा लेखक उन अभावग्रस्त अभागे लोगों की दशा का वर्णन कर रहा है, जिनके पास अपने किसी सगे व्यक्ति की मृत्यु पर शोक मनाने का समय भी नहीं है। वह हमेशा अपने पेट भरने की चिंता में लगे रहते हैं। उनकी अभावग्रस्त जिंदगी उन्हें अपने किसी संबंधी के मर जाने पर उसका दुख मनाने का अधिकार भी नहीं देती, जबकि हर किसी को दुखी होने का तो अधिकार है ही।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
“शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और... दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है।”
इन पंक्ति के द्वारा लेखक उन अभावग्रस्त अभागे लोगों की दशा का वर्णन कर रहा है, जिनके पास अपने किसी सगे व्यक्ति की मृत्यु पर शोक मनाने का समय भी नहीं है। वह हमेशा अपने पेट भरने की चिंता में लगे रहते हैं। उनकी अभावग्रस्त जिंदगी उन्हें अपने किसी संबंधी के मर जाने पर उसका दुख मनाने का अधिकार भी नहीं देती, जबकि हर किसी को दुखी होने का तो अधिकार है ही।
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