Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो !

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से हैं-

लेखक बेईमान धोखेबाज धर्माचार्यों तथा धार्मिक लोगों की अपेक्षा नास्तिकों को श्रेष्ठ मानता है जो अच्छे आचरण वाले हैं तथा दूसरों के सुख दुख में उनका साथ देते हैं । उन पाखंडियों से तो ईश्वर भी यही कहता है कि आप जैसे पाखंडियों के मानने से मेरा ईश्वरत्व दुनिया में कायम नहीं रह सकता। इसलिए तुम मुझ पर दया करो और मानवता को मानो।  तुम्हें पशु के जैसा आचरण छोड़कर मनुष्य बनना होगा तभी तुम्हें भी ईश्वर मिल सकेगा।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।
Answered by gaurikashekar
19

स्वयं को धार्मिक और धर्म का तथाकथित ठेकेदार समझने वाले साधारण लोगों को लड़ाकर अपना स्वार्थ पूरा करते हैं। ऐसे लोग पूजा-पाठ, नमाज़ आदि के माध्यम से स्वयं को सबसे बड़े आस्तिक समझते हैं। ईश्वर ऐसे लोगों से कहता है। कि तुम मुझे मानो या न मानो पर अपने आचरण को सुधारो, लोगों को लड़ाना-भिड़ाना बंद करके उनके भले की सोचो। अपनी इंसानियत को जगाओ। अपनी स्वार्थ-पूर्ति की पशु-प्रवृत्ति को त्यागो और अच्छे आदमी बनकर अच्छे काम करो।

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