निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था।
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उत्तर :
प्राचीन समय में ऋषि मुनि अनेक कठिन साधनाओं के द्वारा हठ योग का अभ्यास करते थे। परंतु रामन् ने अच्छे वेतन और सुख सुविधाओं से युक्त सरकारी नौकरी होते हुए भी अपना वैज्ञानिक शोध कार्य करने के लिए अपने कार्यालय के समय के बाद बहू बाजार की इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की प्रयोगशाला में जाया करते थे । यहां रामन् को सारे उपकरण भी उपलब्ध नहीं होते फिर भी वह अपना शोध कार्य करते रहे । उनका यह कार्य आधुनिक हठयोग का ही उदाहरण है। जिसमें एक साधक दफ्तर में कठिन परिश्रम करने के बाद बहू बाज़ार की साधारण सी प्रयोगशाला में अपनी इच्छा शक्ति के बल पर भौतिक विज्ञान को समृद्ध कर रहा था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
प्राचीन समय में ऋषि मुनि अनेक कठिन साधनाओं के द्वारा हठ योग का अभ्यास करते थे। परंतु रामन् ने अच्छे वेतन और सुख सुविधाओं से युक्त सरकारी नौकरी होते हुए भी अपना वैज्ञानिक शोध कार्य करने के लिए अपने कार्यालय के समय के बाद बहू बाजार की इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की प्रयोगशाला में जाया करते थे । यहां रामन् को सारे उपकरण भी उपलब्ध नहीं होते फिर भी वह अपना शोध कार्य करते रहे । उनका यह कार्य आधुनिक हठयोग का ही उदाहरण है। जिसमें एक साधक दफ्तर में कठिन परिश्रम करने के बाद बहू बाज़ार की साधारण सी प्रयोगशाला में अपनी इच्छा शक्ति के बल पर भौतिक विज्ञान को समृद्ध कर रहा था।
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इस पंक्ति में लेखक रामन के अथक परिश्रम के बारे में बता रहा है। रामन उस समय एक सरकारी नौकरी में कार्यरत थे। अपने दफ्तर में पूरे दिन काम करने बाद जब वे शाम में निकलते थे तो घर जाने की बजाय सीधा बहु बाजार स्थित प्रयोगशाला में जाते थे। वे प्रयोगशाला में घंटों अपने शोध पर मेहनत करते थे। पूरे दिन दफ्तर में काम करने के बाद फिर प्रयोगशाला में काम करना बहुत मुश्किल होता है। यह शारीरिक और मानसिक तौर पर थका देता है। इसलिए लेखक ने ऐसे काम को हठयोग की संज्ञा दी है।
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