निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए −
(क) तू न थमेगा कभी
तू न मुड़ेगा कभी
(ख) चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ
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(क) कवि ने मानव से अनुरोध की है कि वे जीवन मार्ग पर अग्रसर होते हुए कभी भी राह में रुकेगा नहीं। वह निराश नहीं होगा। कर्म से मुंह नहीं मोड़ेगा। वह हमेशा आगे बढ़ता जाएगा। तब तक वह आगे बढ़ेगा जब तक उसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती।
(ख) मनुष्य जीवन की राह में आगे बढ़ रहा है ।वह आंसुओं ,पसीने और खून से लथपथ है फिर भी आगे बढ़ रहा है ।मंजिल प्राप्त न कर पाने के कारण वह निराश हुआ था। उसने आंसू बहाए थे ,पसीना बहाया था ताकि मंजिल की प्राप्ति कर सके। जीवन संघर्ष में वह खून से लथपथ हुआ पर उत्साह नहीं त्यागा। आंसू- पसीने- खून से लथपथ मंजिल को प्राप्त करने के लिए बढ़ता ही गया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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Explanation:
hèĺĺò
hey mate here is your answer
the correct answer is option no. b
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