निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे-" ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है।" परिणाम-भ्रष्टाचार बढ़ेगा। 1. "सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।" ………………2. “झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।" ………………3. "हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।" ……………....
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ये प्रश्न ‘क्या निराश हुआ जाये’ पाठ से लिया गया है। ये ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी’ द्वारा लिखित एक विचारोत्तेजक निबंध है।
निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।
जैसे – "ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है।" परिणाम ▬ भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
1. “सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।” ▬ तानाशाही बढ़ेगी
2. “झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।" ▬ भ्रष्टाचार बढ़ेगा
3. "हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।" ▬ अविश्वास बढ़ेगा
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