निम्नलिखित का उत्तर दीजिए:
(a) किसी राकेट का बाह्य आवरण उड़ान के दौरान घर्षण के कारण जल जाता है। जलने के लिए आवश्यक ऊष्मीय ऊर्जा किसके व्यय पर प्राप्त की गई-राकेट या वातावरण ?
(b) धूमकेतु सूर्य के चारों ओर बहुत ही दीर्घवृत्तीय कक्षाओं में घूमते हैं। साधारणतया धूमकेतु पर सूर्य का गुरुत्वीय बल धूमकेतु के लंबवत् नहीं होता है। फिर भी धूमकेतु को संपूर्ण कक्षा में गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है। क्यों ?
(c) पृथ्वी के चारों ओर बहुत ही क्षीण वायुमण्डल में घूमते हुए किसी कृत्रिम उपग्रह की ऊर्जा धीरे-धीरे वायुमण्डलीय प्रतिरोध (चाहे यह कितना ही कम क्यों न हो) के विरुद्ध क्षय के कारण कम होती जाती है फिर भी जैसे-जैसे कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के समीप आता है तो उसकी चाल में लगातार वृद्धि क्यों होती है ? (d) चित्र 6.13(i) में एक व्यक्ति अपने हाथों में 15kg का कोई द्रव्यमान लेकर 2 m चलता है। चित्र 6.13(ii) में वह उतनी ही दूरी अपने पीछे रस्सी को खींचते हुए चलता है। रस्सी घिरनी पर चढ़ी हुई है और उसके दूसरे सिरे पर 15 kg का द्रव्यमान लटका हुआ है । परिकलन कीजिए कि किस स्थिति में किया गया कार्य अधिक है?
Answers
Answer:
please convert it into English...
^_^(+_+)=_=(+_+):-)(+_+);-)(+_+):-D(+_+)
निन्मलिखित प्रश्नों का कारण सहित उत्तर इस प्रकार से है।
Explanation:
a ) उड़ान में एक रॉकेट के आवरण को जलाने के लिए आवश्यक ऊर्जा को रॉकेट से प्राप्त किया जाता है न कि वातावरण से। जलने के बाद इसका द्रव्यमान घटता है इसलिए रॉकेट की कुल ऊर्जा घट जाती है।
(b) एक बंद मार्ग पर गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य शुन्य होता है ,इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि निकट पथ का आकार किस प्रकार का है इसलिए धूमकेतु की प्रत्येक पूर्ण कक्षा पर गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है।
(c) यदि कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के करीब आता है तो इसकी गुरुत्वाकर्षण क्षमता घट जाती है लेकिन ऊर्जा के संरक्षण के नियम के अनुसार।
कुल ऊर्जा = स्थिर
K.E + P.E = स्थिर इसलिए गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। लेकिन गतिज ऊर्जा सीधे कण की गति के वर्ग के समानुपाती होती है इसलिए गति भी बढ़ जाती है।
(d ) पहले मामले में:
मनुष्य द्वारा किया गया कार्य = बल द्वारा वस्तु के विस्थापन में वमनुष्य द्वारा लागू किया गया बल
बल के साथ वस्तु का विस्थापन = 0 क्योंकि मनुष्य वस्तु को बल की लंबवत दिशा में ले जाता है।
इसलिये आदमी द्वारा किया गया काम शुन्य होगा।
दूसरे मामले में आदमी ने क्षैतिज दिशा में बल लगाया और वस्तु का विस्थापन भी क्षैतिज दिशा में है इसलिए
F = F.S cos0° = Mg × S = 15 × 9.8 × 2= 294 J
गतिज ऊर्जा 16 गुना कर दिया जाए तो संवेग क्या होगा ?
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