Hindi, asked by ashishoo3991, 11 months ago

निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिए- पाँयनि नूपुर मंजु बजैं, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई । साँवरे अंग लसै पट पीट, हिये हुलसै बनमाल सुहाई । माथे किरीट बड़े दृग चंचल, मंद हँसी मुखचंद जुन्हाई। जै जग-मंदिर-दीपक सुंदर, श्रीब्रजदूलह ‘देव’ सहाई ।। क) सवैये में किसके आभूषणों और वेशभूषा का वर्णन किया गया है? ख) उसके मुख और नेत्रों की शोभा के बारे में क्या कहा गया है? ग) ‘जग-मंदिर-दीपक’ और ‘ब्रजदूलह’ किसके लिए और क्यों प्रयुक्त हुआ है?

Answers

Answered by dsj43
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Answer:

sorry l didn't know the answer

Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर पूछे गए  प्रश्न इस प्रकार है:

क) सवैये में किसके आभूषणों और वेशभूषा का वर्णन किया गया है?

उतर :सवैये में श्रीकृष के आभूषण और वेशभूषा का वर्णन किया गया है| सवैये में श्रीकृष्ण के पांव में पायलें  है जो उनके चलने पर बजने के कारण सुंदर ध्वनि उत्पन्न करती है। कमर में करधनी शोभती है।

ख) उसके मुख और नेत्रों की शोभा के बारे में क्या कहा गया है?

उतर : कवि श्रीकृष्ण मुख और नेत्रों की शोभा के बारे में कहते है , माथे पर अट है और उनकी बड़ी—बड़ी आंखें हैं जो चंचलता से भरी हैं।उनकी मंद—मंद हंसी उनके चांद के समान सुंदर चेहरे पर चांदनी की तरह फैली हुई है।

ग) ‘जग-मंदिर-दीपक’ और ‘ब्रजदूलह’ किसके लिए और क्यों प्रयुक्त हुआ है?

उतर : कवि कहते हैं कि संसार रूपी इस मंदिर में दीपक के समान जगमगाते हुए अति सुंदर श्रीकृष्ण की जयजयकार हो।  कवि कहता है कि जीवन में सदा श्रीकृष्ण सब की सहायता करते है उन्हें रास्ता दिखाते है |

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