निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के सही विकल्प को चिन्हित कीजिये- 6. आँसू से भाग्य पसीजा है, हे मित्र कहाँ इस जग में? नित यहाँ शक्ति के आगे, दीपक जलते मग-मग में। कुछ तनिक ध्यान से सोचो, धरती किसकी हो पाई ? बोलो युग-युग तक किसने, किसकी विरुदावलि गाई ? मधुमास मधुर रुचिकर है, पर पतझर भी आता है। जग रंगमंच का अभिनय, जो आता सो जाता है। सचमुच वह ही जीवित है, जिसमें कुछ बल-विक्रम है। पल-पल घुड़दौड़ यहाँ है, बल-पौरुष का संगम है। दुर्बल को सहज मिटाकर, चुपचाप समय खा जाता, वीरों के ही गीतों को, इतिहास सदा दोहराता। फिर क्या विषाद, भय चिंता जो होगा सब सह लेंगे, परिवर्तन की लहरों में जैसे होगा बह लेंगे। क- दुनियां किसके आगे सर झुकाती है ?
1 point
क- जिसके पास पैसा है
ख- जिसके पास योग्यता है
ग- जिसके पास सौन्दर्य है
घ- जिसके पास शक्ति है
ख -आंसू से भाग्य पसीजा है कब, का भाव है-
1 point
क- आंसू से सबकुछ संभव है.
ख- आंसू किसी को भी विचलित कर देते हैं.
ग- रोने से दुर्भाग्य सौभाग्य में नहीं बदल सकता.
घ- आंसू इश्वर का वरदान है.
ग - समय किसे नष्ट कर देता है-
1 point
क--बलवान को
ख- दुनियां को
ग- अहंकार को
घ- कमजोर को
घ -सभी को किस चीज को अवश्य ही स्वीकारना होता है
1 point
क- परिवर्तन को
ख- समाज को
ग- जिंदगी को
घ- प्रेम को
च- मधुमास मधुर ,रुचिकर है,पर पतझर भी आता है ,का आशय है-
1 point
क- समय बहुत बलवान है
ख- जिन्दगी कठोर होती है
ग- सुख कितना भी आकर्षक हो किन्तु दुःख भी अवश्य आता है.
घ- मौत अनिवार्य है.
Answers
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के सही विकल्प को चिन्हित नीचे किया गया हैं -
क- दुनियां किसके आगे सर झुकाती है ?
क- जिसके पास पैसा है
ख- जिसके पास योग्यता है
ग- जिसके पास सौन्दर्य है
घ- जिसके पास शक्ति है
सही विकल्प है - घ- जिसके पास शक्ति है।
उपरोक्त उत्तर यह वाक्य से मिलता है - नित यहाँ शक्ति के आगे, दीपक जलते मग-मग में। अर्थात यहाँ रोज शक्तिवान लोगो के आगे दिए जलाते हैं, उनके आगे सर झुकाते हैं।
ख -आंसू से भाग्य पसीजा है कब, का भाव है-
क- आंसू से सबकुछ संभव है.
ख- आंसू किसी को भी विचलित कर देते हैं.
ग- रोने से दुर्भाग्य सौभाग्य में नहीं बदल सकता.
घ- आंसू इश्वर का वरदान है.
सही विकल्प है - ग- रोने से दुर्भाग्य सौभाग्य में नहीं बदल सकता.
उपरोक्त उत्तर यह वाक्य से मिलता है - आँसू से भाग्य पसीजा है, हे मित्र कहाँ इस जग में? अर्थात रोने से किसने इस जगत में भाग्य को बदला है। भावार्थ यह है कि आंसू बहाने से दुर्भाग्य को सौभाग्य में परिवर्तित इस जग में किसीने नहीं किया।
ग - समय किसे नष्ट कर देता है-
क--बलवान को
ख- दुनियां को
ग- अहंकार को
घ- कमजोर को
घ -सभी को किस चीज को अवश्य ही
सही विकल्प है - घ- कमजोर को
उपरोक्त उत्तर यह वाक्य से मिलता है - दुर्बल को सहज मिटाकर, चुपचाप समय खा जाता, वीरों के ही गीतों को, इतिहास सदा दोहराता। अर्थात दुर्बल को समय स्वाभाविक रूप से धीरे धीरे नष्ट कर देता है। खा जाता है मतलब नष्ट कर देता है।
घ -सभी को किस चीज को अवश्य ही स्वीकारना होता है
क- परिवर्तन को
ख- समाज को
ग- जिंदगी को
घ- प्रेम को
सही विकल्प है - क- परिवर्तन को
उपरोक्त उत्तर यह वाक्य से मिलता है - फिर क्या विषाद, भय चिंता जो होगा सब सह लेंगे, परिवर्तन की लहरों में जैसे होगा बह लेंगे। अर्थात विवाद, भय, चिंता क्यों करना, जो होगा सहन पड़ेगा। परिवर्तन जैसा हो, स्वीकारना ही पड़ता है।
च- मधुमास मधुर ,रुचिकर है,पर पतझर भी आता है ,का आशय है-
क- समय बहुत बलवान है
ख- जिन्दगी कठोर होती है
ग- सुख कितना भी आकर्षक हो किन्तु दुःख भी अवश्य आता है.
घ- मौत अनिवार्य है.
सही विकल्प है - ग- सुख कितना भी आकर्षक हो किन्तु दुःख भी अवश्य आता है.
उपरोक्त उत्तर यह वाक्य से मिलता है - मधुमास मधुर रुचिकर है, पर पतझर भी आता है। जग रंगमंच का अभिनय, जो आता सो जाता है। अर्थात मधुमास कितना भी मधुर हो, पतझर आएगा ही। उसी भांति, सुख कितना अभी अच्छा हो, परन्तु दुःख आता ही है। यह जग भी एक रंगमंच है, जो आता है, उसे जाना ही होगा।