निम्नलिखित मालारा को पककर गो गयपना की
"आज जीत की रात,
पहरूप, सावधान रहना।
खुले वेषण के बार
ची चालना
बाग कविनगर ।
शिसार या नासन उसकी
छायाओं का सर ।।
शोषण से है मृत समाज,
कमजोर हमारा घर है।
चिन्तु भा रही नई जिन्नगी
यह विश्वास अपर है।
लहर तुम पवद्यमान रहना
पररूए सावधान रहना
उचित विकल्प द्वारा उत्तर चुनिए
प्रश्न 1 'पहरूए का शाब्दिक अर्थ है-
(क) किसान से
(स्त) पहरेदार से
(ग) सरकार से (घ) पुलिस से
(अंक 1)
प्रश्न-2 'अचल दीपक समान में रहना में अलंकार है-
(क) रूपक अलंकार (ख) यमक अलंकार
(4) अपमा अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
प्रश्न-3 'शत्रु की छाया का क्या अर्थ है ?
(अक 1)
(अंक)
प्रश्न- जन गंगा में ज्वार से क्या अभिप्राय है?
Rajessic
(अंक 1)
प्रश्न-5 अचल और अमर शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए-
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- pahredaar se
- rupak alankar
- shatru ka dar
- I don't know
- Achal - chal
- Amar-mratyu
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