निम्नलिखित में प्रत्येक का संभावित कारण बताइए-
(i) समतुल्य अणु द्रव्यमान वाले ऐमीनों की अम्लता ऐल्कोहॉलों से कम होती है।
(ii) प्राथमिक ऐमीनों का क्वथनांक तृतीयक एमीनों से अधिक होता है।
(iii) ऐरोमैटिक ऐमीनों की तुलना में ऐलीफैटिक ऐमीनों प्रबल क्षारक होते हैं।
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Answer:
hy
Explanation:
sorry bro dont know the ans
bro be safe stay a home
"निम्नलिखित में प्रत्येक का संभावित कारण इस प्रकार है
(i) समतुल्य अणु द्रव्यमान वाले एमीनो की अम्लता अल्कोहल से कम होती है कारण
•जब किसी एमीन से प्रोटॉन निकाला जाता है तो एमाइड आयन प्राप्त होता है, परन्तु अल्कोहल से प्रोटॉन निकलने पर एलोक्साइड आयन प्राप्त होता है। क्रिया नीचे दर्शाई गई है।
•R- NH₂ ( एमीन) → R -NH⁻ (एमाइड आयन )+ H⁺
•R-O-H → R -O⁻ + H ⁺
O , N की तुलना में अधिक विद्युत ऋणात्मक है, इसी कारण RO⁻ पर ऋणात्मक आवेश RNH ⁻की तुलना में अधिक सरलता से रह सकता है।इसी कारण एमीन अल्कोहल से कम अम्लीय होते हैं।
(ii) प्राथमिक एमिनो का क्वथनांक तृतीयक एमिनो से कम होता है कारण
•प्राथमिक एमीनो N परमाणुओं पर को हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होते हैं जिस कारण ये अंतराअनुक हाइड्रोजन आबंध दर्शाते हैं।
• परन्तु तृतीयक एमीन में नाइट्रोजन पर हाइड्रोजन अणु नहीं होते इस कारण अंतरा आण्विक संघटन नहीं हो पाता
•इसलिए प्राथमिक एमीनो का क्वथनांक तृतियक एमीनो से अधिक होता है।
( iii) एरोमेटिक एमीनो की तुलना में एलीफेटिक एमीन प्रभल क्षारक होते हैं। कारण
•एरोमेटिक एमिनो में अनुनाद होने के कारण , एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बेंजीन वलय पर नाइट्रोजन परमाणु का विस्थानीकृत हो जाता है, इसलिए प्रोटॉनीकरण के लिए सरलता से उपलब्ध हो जाता है।
• एरील एमीनो की तुलना में , एरील एमीन आयन का स्थायित्व संगत कम होता है इसका अर्थ है एरोमेटिक एमिनो का प्रोटोनिकरण उपयुक्त नहीं होता।
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