निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
(क) क्षमा शोभती उस भुजंग को,
जिसके पास गरल हो
उसको क्या, जो दंतहीन,
विषरहित, विनीत, सरल हो।
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Explanation:
यह पंक्तियां राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित है। यहां पर बताया गया है कि माफी करना उस व्यक्ति को शोभा देता है जो दंड देने में समर्थ है। फिर भी वह माफ कर रहा है क्योंकि यदि कोई व्यक्ति खुद ही प्रतिकार करने में असमर्थ है तो वह माफी यदि कर रहा है तो मजबूरी के कारण कर रहा है।
जैसे जो सर्प दांत से रहित हो,विष से रहित हो, और सरल हो अर्थात पालतू हो, अगर वह किसी व्यक्ति को माफ कर दे अथवा किसी को ना काटे तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है,क्योंकि उसके दांत ही नहीं है उसके पास ज़हर ही नहीं है।
जबकि यदि कोई सर्प दांत वाला हो, जहर वाला हो और वह यदि किसी व्यक्ति विशेष की गुस्ताखी को माफ कर दे तब उसकी माफी को वास्तविक क्षमादान मानना चाहिए क्योंकि उसमें प्रतिकार करने की क्षमता है तब भी वह क्षमा दान कर रहा है
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