४) निम्नलिखित पंक्तियो को सरल अर्थ लिखिए।
प्रतिभा का पैमाना मेधा की उँचाई नापता,
मानवता का मीटर बन, मन की गहराई मापता।
आत्मा को आवृत्त कर दें स्नेह प्रभा परिधान से,
करें अर्चना हम सब मिलकर वसुधा के जयगान से।
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➲ प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘प्रकाश दीक्षित’ द्वारा रचित कविता ‘धरती का आँगन महके’ कविता की हैं, जिनका भावार्थ इस प्रकार होगा...
प्रतिभा का पैमाना मेधा की उँचाई नापता,
मानवता का मीटर बन, मन की गहराई मापता।
आत्मा को आवृत्त कर दें स्नेह प्रभा परिधान से,
करें अर्चना हम सब मिलकर वसुधा के जयगान से।
अर्थ ⦂ कवि कहता है कि प्रतिभा का पैमान बुद्धि की ऊंचाई नापने का काम करता है। सभी के ह्रदय में मानवता जरूर होनी चाहिए। मानवता से ही मनुष्य के दिल की गहराइयां मापी सकती हैं, इसलिए मानव की प्रतिभा को मानवता की सेवा के लिए कार्य करना चाहिए। कवि कहता है कि मनुष्य को आत्मा को स्नेह रूपी प्रकाश से प्रकाशित करना चाहिए। जब उसकी आत्मा स्नेह रूपी प्रकाश से आलोकित होती तो इस धरती पर मानवता का विकास होगा। सभी मनुष्य को मिलकर इस धरती का जय-जयगान करना चाहिए और अराधना करनी चाहिए।
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