Hindi, asked by mauryaanjali402, 13 hours ago

निम्नलिखित पंक्‍तियों का ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए- आकांक्षाओं का कब अंत हुआ है? इच्छाओं की क्या कोई सीमा है? पाठ पुरानी कथा ​

Answers

Answered by hotelcalifornia
2

इच्छाओ का कोई अंत नहीं होता है यह बढ़ती ही रहती है।

Explanation:

  • जन्म से लेकर मृत्यु तक इच्छाओ का कोई अंत नहीं है
  • एक इच्छा की पुष्टि के बाद दूसरी इच्छा प्रगट हो जाती है।
  • अपनी आकांक्षा की पुष्टि के लिए लोग दिन रात एक कर देते है इतनी महेनत करते है की वह खुद को भूल जाते है।
  • जीवन इच्छा के इर्दगिर्द ही घूमता है एवं नए रास्ते खोजता है। इच्छा रहित मनुष्य एक जिन्दा मुर्दा के समान होता है।
Similar questions