निम्नलिखित पंक्तियों का ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए- आकांक्षाओं का कब अंत हुआ है? इच्छाओं की क्या कोई सीमा है? पाठ पुरानी कथा
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इच्छाओ का कोई अंत नहीं होता है यह बढ़ती ही रहती है।
Explanation:
- जन्म से लेकर मृत्यु तक इच्छाओ का कोई अंत नहीं है।
- एक इच्छा की पुष्टि के बाद दूसरी इच्छा प्रगट हो जाती है।
- अपनी आकांक्षा की पुष्टि के लिए लोग दिन रात एक कर देते है इतनी महेनत करते है की वह खुद को भूल जाते है।
- जीवन इच्छा के इर्दगिर्द ही घूमता है एवं नए रास्ते खोजता है। इच्छा रहित मनुष्य एक जिन्दा मुर्दा के समान होता है।
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