निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
(क) सीस पणा न अँगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि यात्मा।
धोती फटी-सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा।।
120
Answers
Answered by
8
Answer:
द्वारपाल आकर श्रीकृष्ण से कहता है कि, हे प्रभु पता नहीं कौन व्यक्ति है, किस गाँव से आया है? उसके सिर पर न तो पगड़ी है न ही शरीर पर कुरता है। उसकी धोती भी फटी हुई है और वह गंदा सा दुशाला ओढ़े हुए है। और उसके पैर में जूते भी नहीं हैं। दरवाजे पर खड़ा वह दुर्बल ब्राह्मण आश्चर्यचकित होकर कभी जमीन को देखता है तो कभी आपके महल को। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है और आपके निवास स्थान के बारे में बार-बार पूछ रहा है।
Similar questions