निम्नलिखित पंक्तियों में कवि के मन में कृषक के प्रति जागृत होने वाले भाव लिखिए :
Answers
किसान के अभाव की कोई सीमा नहीं होती किंतु फिर भी वह संतोष रूपी धन के सहारे अपना जीवन व्यतीत करता है उसकी इसी मानसिकता के कारण कविउस पर अभिमान {१ } करना चाहते हैं । कृषक दिन-रात खेतों में काम करता है | धूप छाया दोनों सहन करके इस जग के लिए अन्न उगाता है उसकी इस स्थिति में कवि उसका आह्वान करना चाहते हैं अर्थात वह मानवता {२} के कारण ऐसा चाहते हैं । वह कृषक जो सृष्टि का पालनहार है परंतु फिर भी पददलित हो रहा है इसलिए कवि उस से हाथ मिला कर सृजनशीलता {३} के माध्यम से नव सृष्टि का निर्माण करना चाहते हैं । जो कृषक बंजर जमीन को उर्वरा बनाता है सारे भेदभाव भूल करके जो अपने बलहीन तन को पत्तियों से पालकर भी संसार का भला करता है ऐसे किसान का कवि ध्यान करना चाहते हैं अर्थात उसको आदर-सम्मान {४} देना चाहते हैं .।
Answer:
- अभिमान
- मानवता/मनुजता
- सृजनशीलता
- आदर
Explanation:
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