Hindi, asked by shubham270929, 10 months ago

निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों के नाम बताइए।

1. नर को अरु नीर की गति एकै कर जोय।
जेतो नीचो वै चले तेतो ऊँचो होय ॥

2. महा अजय संसार रिपु।

3. तप के जगती-तल जावै जला।

4. चमक गई चपला चम-चम।

5. मेरी भव बाधा हरौ राधा नागरि सोइ।
जा तन की झाईं परै, स्याम हरित दुति होइ॥

6. सुनहु सखा कह कृपानिधाना। जेहि जय होइ सो स्यंदन आना॥

7. चँवर सदृश डोल रहे, सरसों के सर अनंत।

8. उतरि नहाए जमुन-जल जो सरीर-सम स्याम।

9. जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चले हनुमाना।

10. बंदउँ गुरु-पद-कंज, कृपासिंधु नररूप हरि।

11. जगकर सजकर रजनी बाले।

12. चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रहीं हैं जल-थल में।

13. अविगत गति कछु कहत न आवै।
ज्यों गूंगे मीठे फल को रस अंतरगत ही भावै

14. प्रति भट कटक कटीले केते काटि-काटि,
कालिका-सी किलकि कलेऊ देती काल को।

15. नभ-मंडल छाया मरुस्थल-सा।

16. प्रश्न चिह्नों में उठी हैं भाग्य सागर की हिलोरें।

। 17. रघुपति राघव राजा राम।

18. चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के वीर ॥

19. लघु तरणि हंसिनी-सी सुंदर।

20. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती मानुस चून।​

Answers

Answered by shishir303
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पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार इस प्रकार होंगे...

1.  नर को अरु नीर की गति एकै कर जोय।

   जेतो नीचो वै चले तेतो ऊँचो होय ॥

► अनुप्रास अलंकार

2. महा अजय संसार रिपु।

► अतिश्योक्ति अलंकार

3. तप के जगती-तल जावै जला।

►  अनुप्रास अलंकार

4. चमक गई चपला चम-चम।

► अनुप्रास अलंकार एवं पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

5. मेरी भव बाधा हरौ राधा नागरि सोइ।

   जा तन की झाईं परै, स्याम हरित दुति होइ॥

► श्लेष अलंकार

6. सुनहु सखा कह कृपानिधाना। जेहि जय होइ सो स्यंदन आना॥

► अनुप्रास अलंकार

7. चँवर सदृश डोल रहे, सरसों के सर अनंत।

► उपमा अलंकार

8. उतरि नहाए जमुन-जल जो सरीर-सम स्याम।

► उपमा अलंकार  

9. जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चले हनुमाना।

► उपमा अलंकार  

10. बंदउँ गुरु-पद-कंज, कृपासिंधु नररूप हरि।

► रूपक अलंकार

11. जगकर सजकर रजनी बाले।

► मानवीकरण अलंकार

12. चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रहीं हैं जल-थल में।

► अनुप्रास अलंका

13. अविगत गति कछु कहत न आवै।

      ज्यों गूंगे मीठे फल को रस अंतरगत ही भावै

► उपमा अलंकार  

14. प्रति भट कटक कटीले केते काटि-काटि,

     कालिका-सी किलकि कलेऊ देती काल को

► अनुप्रास अलंकार

15. नभ-मंडल छाया मरुस्थल-सा।

► उपमा अलंकार  

16. प्रश्न चिह्नों में उठी हैं भाग्य सागर की हिलोरें।

► रूपक अलंकार

17. रघुपति राघव राजा राम।

► अनुप्रास अलंकार

18. चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर।

     को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के वीर ॥

► रूपक अलंकार

19. लघु तरणि हंसिनी-सी सुंदर।

► उपमा अलंकार  

20. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

      पानी गए न ऊबरै, मोती मानुस चून।​

► श्लेष अलंकार

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