Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए −
(क) अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया।
(ख) अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।
(ग) लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़ें।
(घ) मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।
ङ) एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।

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Answered by nikitasingh79
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उत्तर :

क) जब लेखक के घर अतिथि आया तो उसे लगा कि इसके अतिथि सत्कार में जो खर्च करना पड़ेगा, उस से उसके बजट पर भी असर पड़ेगा। इसलिए उसे लगा कि इस अतिथि के आने से उसका खर्चा बढ़ जाएगा

ख) लेखक का मानना है कि जो अतिथि एक-दो दिन रह कर चला जाए तो वह देवता है, अगर अतिथि तीसरे दिन चला जाए तो मानव है, और यदि अतिथि 4 दिन से भी अधिक दिनों तक नहीं जाता तो वह राक्षस हो जाता है जो मेज़बान के लिए मुसीबत बन जाता है।

ग) लेखक का मानना है कि अतिथि को अतिथि के समान आकर तुरंत वापस भी लौट जाना चाहिए, जिससे वह जिसके घर में अतिथि बनकर आया है उसके घर में प्रेम भाव की जगह मनमुटाव न होने लगे । अतिथि को उस घर की प्रेम भावना को बनाए रखना चाहिए।

घ) लेखक कहता है कि यदि अतिथि पांचवें दिन भी अपने घर नहीं लौटता, तो वह उसे और अधिक सहन नहीं कर सकेगा तथा उसे घर से जाने के लिए गेट आउट तक कहने से भी संकोच नहीं करेगा।

ड़) लेखक का मानना है कि एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर तक साथ नहीं रह सकते क्योंकि देवता मनुष्य को दर्शन देकर तुरंत चले जाते हैं वे उसके पास जमकर नहीं बैठे रहते। मनुष्य भी देवता का दर्शन करके जल्दी ही अपने घर चला जाता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answered by gaurikashekar
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3) लेखक का अतिथि ऐसा व्यक्ति है जिसे दूसरे का घर बड़ा अच्छा लगता है। दूसरे के घर ठहरने पर एक व्यक्ति खर्चे जोड़ने की चिंता से मुक्त रहता है और अपनी सारी परेशानियों को भूलकर आतिथ्य का आनंद लेता है। लेकिन यह व्यावहारिक नहीं है क्योंकि इससे मेजबान के सुखी जीवन में खलल पड़ने लगता है। इसलिए लेखक का मानना है कि अपने घर की मधुरता का आनंद लेना चाहिए लेकिन किसी दूसरे के घर की सुख शांति में खलल नहीं डालना चाहिए।

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