निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को कैसे रोका जा सकता है?
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उत्तर :
धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को रोकने के लिए हमें साहस और दृढ़तापूर्वक कोशिश करनी होगी। इसके लिए धर्म की उपासना के रास्ते में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए। जो जैसे चाहे उसी प्रकार से अपने धर्म को अपनाकर पूजा अर्चना करें। उसे पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए। दो अलग धर्मों को मानने वाले आपस में भेदभाव न रखें। यदि कोई किसी धर्म के मानने वाले के धार्मिक कार्यों में बाधा डाले तो उसे सजा मिलनी चाहिए।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को रोकने के लिए हमें साहस और दृढ़तापूर्वक कोशिश करनी होगी। इसके लिए धर्म की उपासना के रास्ते में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए। जो जैसे चाहे उसी प्रकार से अपने धर्म को अपनाकर पूजा अर्चना करें। उसे पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए। दो अलग धर्मों को मानने वाले आपस में भेदभाव न रखें। यदि कोई किसी धर्म के मानने वाले के धार्मिक कार्यों में बाधा डाले तो उसे सजा मिलनी चाहिए।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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Answer:
उत्तर: धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को रोकने के लिए धर्म की उपासना सही तरीके से करनी होगी। धर्म की उपासना के मार्ग में कोई खलल न हो। हर व्यक्ति को अपने ढ़ंग से धर्म का आचरण करने की आजादी हो। धर्म को एक ऐसा जरिया बनाना होगा जिससे आप ईश्वर से साक्षात्कार कर सकें, आत्मा को शुद्ध कर सकें और उसे ऊँचा उठा सकें। आप दूसरे किसी को भी उसका धर्मपालन करने से न रोकें।
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