Social Sciences, asked by Namya7593, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।(i) राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए। (ii) परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है।

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :  

(i) राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण निम्न प्रकार से किया जाता है :  

राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों , विशेषकर बीकानेर, फलोदी तथा बाड़मेर में लगभग प्रत्येक घर में वर्षा जल संग्रहण के लिए भूमिगत टैंक अथवा टांका बने हुए हैं। इनमें पीने के लिए जल का भंडारण किया जाता है। ये तालाब बहुत बड़े कमरे के आकार के भी हो सकते हैं। फलोदी के एक घर में एक टांका 6.1  मीटर गहरा, 4.2 7 मीटर लंबा तथा 2.44 मीटर चौड़ा है।  ये टांका छत पर गिरने वाले वर्षा जल के संग्रहण के लिए विकसित तंत्र का भाग है। इन्हें घर के अंदर या आंगन में बनाया गया है। ये एक पाइप द्वारा घरों की ढलवां छतों के साथ जुड़े हुए हैं। छत पर गिरने वाला वर्षा जल पाइप से होता हुआ भूमिगत टांका में जमा हो जाता है।

पहली वर्षा के जल को एकत्रित नहीं किया जाता, क्योंकि इससे छत की सफ़ाई होती है और जल गंदा हो जाता है। छत की सफाई होने के बाद होने वाली वर्षा के जल को एकत्रित किया जाता है। टांका में वर्षा जल अगले वर्ष ऋतु तक इकट्टा किया जाता है। इन क्षेत्रों में इस जल को पालर पानी कहते हैं। इसे प्राकृतिक जल का शुद्धतम रूप माना जाता है। गर्मियों में, जब जल के स्रोत सूख जाते हैं , यह जल पीने के काम में लाया जाता है।

(ii)

परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण निम्न प्रकार से किया जा रहा है :

भारत में वर्षा जल संग्रहण की परंपरा प्राचीन काल से ही रही है ।जल संग्रहण के उन्नत तरीकों के प्रमाण भी मिलते हैं। उस समय नहरों, तालाबों, टैंकों, बावड़ियों आदि के रूप में जल संग्रहण होता था। राजस्थान में छत के वर्षा जल को कृत्रिम रूप से विकसित कुओं में जमा कर लिया जाता था । आज भी यह तरीके कारगर है। भारत का एकमात्र राज्य तमिलनाडु ,जहां पर पूरे राज्य में हर घर में वर्षा जल संग्रहण के ढांचो को बनाना आवश्यक कर दिया गया है। ऐसा न करने पर कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है।परंतु आज इन संरचनाओं को नवीनीकृत और आधुनिकृत कर दिया गया है। इससे जल का संग्रहण अधिक सुविधाजनक हो गया है। आज के जल संग्रहण के तरीकों में बांध,  हैंडपंप , जल रिसाव के गड्ढे , खेतों के चारों ओर खाईयां तथा छोटी-छोटी सरिताओं पर बंधिकाएं  बनाना आदि शामिल है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

Answered by pom288087
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