Social Sciences, asked by PragyaTbia, 1 year ago


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
(i) भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
(ii) भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्यों?

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर:  

(i)  

भारत में कोयले का वितरण :  

भारत में कोयले के काफी अधिक भंडार पाए जाते हैं  

यह एक जीवाश्म ईंधन है। इससे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं के एक बहुत बड़े भाग की पूर्ति होती है । कोयले की ऊर्जा का उपयोग उद्योगों तथा घरेलू जरूरतों के लिए किया जाता है।

वितरण :  

भारत में कोयला दो प्रमुख शैल क्रमों  में पाया जाता है। जिनका संबंध विभिन्न भूगर्भिक युगों से है ।

१.गोंडवाना क्षेत्र : कोयले के इस निक्षेप की आयु 200 लख वर्ष से भी अधिक है। यह धातु शोधन कोयला है । इसके मुख्य भंडार दामोदर घाटी अर्थात  पश्चिमी बंगाल तथा झारखंड में झरिया, रानीगंज, बोकारो आदि में स्थित है । इसके अतिरिक्त कोयले के भंडारण गोदावरी ,महानदी, सोन तथा वर्धा नदी घाटियों में भी पाए जाते हैं।

२.टरशियरी कोयला क्षेत्र :  

इस क्षेत्र के कोयला निक्षेप लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं। कोयले के यह निक्षेप मेघालय ,असम, अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैंड में फैले हुए हैं।

कोयले की एक किस्म लिग्नाइट है। इसका रंग भूरा होता है। मुलायम होने के कारण इसमें नमी की मात्रा अधिक होती है। कोयले की इस किस्म के भंडार मुख्य रूप से तमिलनाडु के नैवली क्षेत्र में पाए जाते हैं।

(ii)

भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल इसलिए है क्योंकि:  

सौर ऊर्जा का अर्थ सूर्य से प्राप्त ऊर्जा भारत के लिए इस का अत्यधिक महत्व पर एक उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण भारत में सौर ऊर्जा के दोहन की बहुत अधिक संभावनाएं हैं।

  • इस ऊर्जा को फोटोवोल्टाइक तकनीकी द्वारा सीधे विद्युत से में बदला जा सकता है।
  • भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज गुजरात के निकट माधोपुर में स्थित है यहां सौर ऊर्जा द्वारा दूध के बड़े बर्तनों को कीटाणु मुक्त किया जाता है।
  • थार मरुस्थल भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केंद्र बन सकता है।
  • ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा बहुत तीव्र गति से लोकप्रिय हो रही है।

ऐसी आशा की जाती है कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से ग्रामीण घरों की ईंधन के लिए उपयोग तथा लकड़ी पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा प्रदूषण रहित ऊर्जा होने के कारण इससे पर्यावरण के संरक्षण में सहायता मिलेगी उपयोग के रूप में चलाया जाने वाला गोबर खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा जिससे खाद्यान्नों का उत्पादन में वृद्धि होगी अतः हम कह सकते हैं कि भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

Answered by khantravelsjharli
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Answer:

भारत में कोयले का वितरण :

१. गोंडवाना क्षेत्र : कोयले के इस निक्षेप की आयु 200 लख वर्ष से भी अधिक है। यह धातु शोधन कोयला है । इसके मुख्य भंडार दामोदर घाटी अर्थात पश्चिमी बंगाल तथा झारखंड में झरिया, रानीगंज, बोकारो आदि में स्थित है । ...

२. टरशियरी कोयला क्षेत्र :

Explanation:

उत्तर: भारत में पाया जाने वाला कोयला दो मुख्य भूगर्भी युगों की चट्टानों की परतों में मिलता है। गोंडवाना कोयले का निर्माण बीस करोड़ साल पहले हुआ था। टरशियरी निक्षेप के कोयले का निर्माण लगभग साढ़े पाँच करोड़ साल पहले हुआ था। गोंडवाना कोयले के मुख्य स्रोत दामोदर घाटी में हैं। इस बेल्ट में झरिया, रानीगंज और बोकारो में कोयले की मुख्य खदाने हैं। गोदावरी, महानदी, सोन और वर्धा की घाटियों में भी कोयले के भंडार हैं। टरशियरी कोयला पूर्वोत्तर के मेघालय, असम, अरुणाचल और नागालैंड में पाया जाता है।

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