निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
(ii) नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम लिखें।
(iii) अलौह धातुओं के नाम बताएँ। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
(iv) ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत कौन-से हैं?
Answers
(i) भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण :
अभ्रक सबसे अधिक बिहार आंध्र प्रदेश व राजस्थान में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भी पाया जाता है।
(1) झारखंड और बिहार :
झारखंड में उच्च कोटि का अभ्रक पाया जाता है। यहां अभ्रक की पेटी 150 किलोमीटर लंबी तथा 32 किलोमीटर चौड़ी है। देश के कुल उत्पादन का 50% भाग इस क्षेत्र में पाया जाता है।
(2) आंध्र प्रदेश :
नेल्लोर जिले में उच्च कोटि के अभ्रक का उत्पादन होता है। यहां देश का 30% भाग अभ्रक पाया जाता है।
(ii) नाभिकीय ऊर्जा :
ऊर्जा का वह स्वरूप, जिसे परमाणु विखंडन की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया गया है, नाभिकीय अथवा परमाणु ऊर्जा कहलाता है।
भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम निम्नलिखित है :
- तारापुर (महाराष्ट्र)
- कलपक्कम (तमिलनाडु)
- कैगा (कर्नाटक)
- रावतभाटा (राजस्थान)
- नरौरा (उत्तर प्रदेश)
- काकरापास (गुजरात)
(iii) अलौह धातुओं के नाम निम्न प्रकार से हैं :
बॉक्साइट तांबा ,सोना ,चांदी आदि । भारत अलौह धातुओं में निर्धन है
बॉक्साइट :
बॉक्साइट का उपयोग एलमुनियम बनाने में किया जाता है बॉक्साइट निम्न राज्यों में पाया जाता है - उड़ीसा , झारखंड, महाराष्ट्र , गुजरात।
उड़ीसा : यहां बॉक्साइट का प्रमुख उत्पादक है। कालाहांडी और संबलपुर अग्रणी क्षेत्र हैं । अन्य उत्पादक क्षेत्र बोलनगीर और कोरापुट है।
झारखंड : यहां लोहरदग्गा प्रमुख है । पालामऊ में बॉक्साइट का खनन होता है।
महाराष्ट्र : यहां कोल्हापुर, रत्नागिरी , कोलाबा आदि क्षेत्र है।
गुजरात : गुजरात में भावनगर जामनगर में प्रमुख भंडार है ।
इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ ,तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बॉक्साइट का उत्पादन होता है।
तांबा -
तांबे का उपयोग विद्युत कार्यों में किया जाता है। तांबे के भंडार प्रमुख रूप से झारखंड के सिंहभूम, मध्य प्रदेश के बालाघाट तथा राजस्थान के झुंझुनू और अलवर जिलों में पाए जाते हैं। छोटे उत्पादकों में आंध्र प्रदेश का गुंटूर और अग्निगुंडाला जिला , कर्नाटक का हासन एवं तमिलनाडु का दक्षिणी आराकाट जिला है।
(iv) ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा , भूतापीय ऊर्जा तथा जैवभार हैं।
- सौर ऊर्जा : गुजरात एवं राजस्थान मैं सौर ऊर्जा विकास की अधिक संभावनाएं हैं।
- पवन ऊर्जा : राजस्थान ,गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में पवन ऊर्जा का वृहत उत्पादन संभव है।
- भूतापीय उर्जा : हिमाचल प्रदेश के मणिकरण में एक भूतापीय ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है।
- ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा : भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर वृहत ज्वारीय तरंगे उत्पन्न होती है , जोकि ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है।
- जैवभार ऊर्जा : ग्रामीण क्षेत्र में इसके विकास की अधिक संभावनाएं हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए।
(i) निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित हैं?
(क) असम (ग) राजस्थान
(ख) बिहार (घ) तमिलनाडु
(ii) निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था?
(क) कलपक्कम (ग) राणाप्रताप सागर
(ख) नरोरा (घ) तारापुर
(iii) निम्नलिखित में कौन सा खनिज 'भूरा होरा' के नाम से जाना जाता है?
(क) लौह (ग) मैंगनीज़
(ख) लिगनाइट (घ) अभ्रक
(iv) निम्नलिखित में कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है?
(क) जल (ग) ताप
(ख) सौर (घ) पवन
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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
(i) भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।
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