निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए --
रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूटना ही अच्छा है I क्यों ? तताँरा - वामीरो पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए I
Answers
रुढ़ियां जब बंधन बन जाए तो उनका टूट जाना ही अच्छा होता है। रुढ़ियां मानव की सहूलियत के लिए बनाई जाती हैं। परिवर्तन संसार का नियम है और समय में निरंतर परिवर्तन होता रहता है। आवश्यक नहीं कि कोई भी मान्यता या परंपरा जो 50 साल पहले प्रासंगिक थी वह आज भी प्रासंगिक हो। इसलिए किसी भी प्राचीन परंपरा या रुढि को हमेशा ढोते रहना बोझ के समान बन जाता है। समय के साथ संसार में नित्य होने वाले नए परिवर्तन को स्वीकारना चाहिए और पुरानी अनुपयोगी एवं अप्रसांगिक परंपराओं और रूढ़ियों को त्याग देना चाहिए। यही विकास का प्रतीक है। अगर हम जबरदस्ती अपनी प्राचीन परंपराओं को अनावश्यक रूप से ढोते रहेंगे तो वैसी रुढियां हमारे लिये बोझ के सामान बन जाती हैं और यह रूढ़ियां हमारे लिए सहूलियत नहीं बल्कि असुविधा पैदा करती हैं। इसलिए रुढ़ियां जब बोझ बनने लगे तो उनका टूट जाना ही अच्छा होता है।