Hindi, asked by ainisafiyyah4017, 10 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए I
(क) शिक्षा के विषय में बड़े भाई साहब के ख्यालों को व्यक्त करें I
(ख) 'गिन्नी का सोना' पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है ?
(ग) 'तताँरा - विमारो' कथा के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है ?
(घ) कर्नल अवध के तख्त पर सआदत अली को क्यों बैठाना चाहता था ?

Answers

Answered by shishir303
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(क)

शिक्षा के विषय में बड़े भाई साहब के विचार हैं कि आजकल की शिक्षा प्राणी केवल रटंतु विद्या बनके रह गयी है। जिसमें पुस्तकों में लिखी बातों को केवल रट लिया जाता  है। उस ज्ञान का सार नही समझा जाता। व्यवहारिक ज्ञान की बजाय केवल रटने वाले किताबी ज्ञान पर अधिक जोर दिया जाता है। रटने से कोई बाता दिमाग में नही घुसती। लेकिन आज की शिक्षा प्रणाली केवल रटने पर ही केंद्रित होकर रह गयी है।

(ख)

‘गिन्नी का सोना’ पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से इसलिए की गई है, क्योंकि शुद्ध सोने में किसी तरह की मिलावट नहीं की जातीय़ इसी तरह आदर्श भी एकदम शुद्ध होते हैं, लेकिन यदि शुद्ध सोने में व्यवहारिकता की मिलावट की जाए तो सोने की शुद्धता तो समाप्त हो जाती है, लेकिन तांबे की मिलावट से सोना मजबूत हो जाता है। उसी तरह शुद्ध आदर्श में यदि व्यवहारिकता की मिलावट की जाए तो वह आदर्श शुद्ध नही रहते लेकिन वह व्यवहारिकता की मिलावट से मजबूत हो जाते हैं। इसलिए शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यवहारिकता की तुलना तांबे से की गई है।

(ग)

तताँरा-वामीरो की कथा के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि हमारे जो पुराने रीति-रिवाज वर्तमान समय में अप्रसांगिक हो गये हों, उन्हें हमें त्याग देना चाहिए परिवर्तन समय का नियम है और समाज में निरंतर कुछ ना कुछ परिवर्तन होता रहता है। कोई भी रीति रिवाज या मान्यताएं हमेशा प्रासंगिक नहीं होतीं। इसलिए जो रीति-रिवाज आज के समय में प्रासंगिक नहीं हो उन्हें हमें त्याग देना चाहिए और नई आधुनिक विचारधारा को अपनाना चाहिए। अपनी सामाजिक कुरीतियों को पहचान कर उनका परित्याग करने का संदेश भी हमें इस कथा से मिलता है।

(घ)

सआदत अली अंग्रेजों के हाथों की कठपुतली था। वो वही करता था जो अंग्रेज चाहते थे। कर्नल अवध के सिंहासन पर कब्जा करना चाहता था। उसे मालूम था कि सआदत अली के भतीजे वजीर अली के रहते अवध के तख्त पर कब्जा नहीं कर सकता। इसके लिए यदि अंग्रेजों को अवध को अधिकार में लेना था तो सआदत अली को अवध के तट पर बैठाना चाहिए, ताकि सआदत अली के बहाने अंग्रेज अपनी मनमानी कर सकें। यही कारण था कर्नल अवध के तख्त पर बैठना चाहता था।

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