बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में डाला गया, स्त्रियाँ जेल गई, फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया I आपके विचार से यह अपूर्व क्यों है ? 'डायरी का एक पन्ना' पाठ के आधार पर लिखिए
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बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में रखा गया। स्त्रियां जेल गईं। फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया क्योंकि कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में इतने बड़े पैमाने पर आजादी की लड़ाई में लोगों ने भाग नहीं लिया था। उस दिन लोगों का एक बड़ा जनसैलाब पूरे कलकत्ता में उमड़ पड़ा था, जो कि देश की स्वतंत्रता के लिए सड़कों पर निकला था। इस जनसैलाब ने कलकत्ता की पुरानी और नकारात्मक छवि को बहुत हद तक धूमिल कर दिया था। स्वतंत्रता पाने की आकांक्षा का जोश एवं उमंग देखते ही बनता थाय़ इसलिए लेखक को ये दिन बहुत अपूर्व लग रहा था।
हमारे विचार में 26 जनवरी 1931 का दिन अद्भुत था क्योंकि इस दिन कलकतावासियों को अपनी देशभक्ति, एकता व साहस को सिद्ध करने का अवसर मिला था। उन्होंने देश का दूसरा स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया। अंग्रेज़ प्रशासकों ने इसे उनका अपराध मानते हुए उनपर और विशेष रूप से महिला कार्यकर्ताओं पर अनेक अत्याचार किए लेकिन पुलिस द्वारा किया गया क्रूरतापूर्ण व्यवहार भी उनके इरादों को बदल नहीं सका और न ही उनके जोश कम कर पाया । एकजुट होकर राष्ट्रीय झंडा फहराने और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा करने का जो संकल्प उन सबने मिलकर लिया था उसे उन्होंने यातनाएँ सहकर भी उस दिन पूरा किया