निम्नलिखित पर अखबार के लिए रिपोर्ट लिखें -(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड(ख) साइमन कमीशन
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उत्तर :
(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड :
जलियांवाला बाग अमृतसर में स्थित है। यह एक विशाल मैदान है । 13 अप्रैल 1919 को लोग वहां बैसाखी के सालाना मेले में भाग लेने पहुंचे । बहुत से लोग तो वहां राॅलट एक्ट के विरोध करने पहुंचे । इसमें मैदान के प्रवेश द्वार संकरा है और यह चारों ओर से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है । यह लोग इस बात से बेखबर थे कि शहर में मार्शल लॉ लागू था । माना जाता है कि जनरल डायर इन निहत्थे सत्याग्रहियों के मन में आतंक बिठा कर एक नैतिक प्रभाव डालना चाहता था । इसलिए वह अपने हथियारबंद सैनिकों के साथ जलियांवाला बाग के मुख्य द्वार पर आ पहुंचा और उसने सत्याग्रहियों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया । देखते ही देखते मैदान में लाशों का ढेर लग गया। इस विस्फोटक स्थिति से निपटने के लिए शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
(ख) साइमन कमीशन :
साइमन कमीशन 1928 में भारत पहुंचा । इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नहीं था । जब यह कमीशन भारत पहुंचा तो इसका जगह-जगह काले झंडे दिखाकर और सामान गो बैक साइमन कमीशन वापस जाओ के नारों से स्वागत किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के साथ-साथ भारत के अन्य पार्टीयों ने भी भाग लिया।
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(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड
(ख) साइमन कमीशन
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Explanation:
समाजशास्त्र एक नया अनुशासन है अपने शाब्दिक अर्थ में समाजशास्त्र का अर्थ है – समाज का विज्ञान। इसके लिए प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द सोशियोलॉजी लेटिन भाषा के सोसस तथा ग्रीक भाषा के लोगस दो शब्दों से मिलकर बना है जिनका अर्थ क्रमशः समाज का विज्ञान है। इस प्रकार सोशियोलॉजी शब्द का अर्थ भी समाज का विज्ञान होता है। परंतु समाज के बारे में समाजशास्त्रियों के भिन्न – भिन्न मत है इसलिए समाजशास्त्र को भी उन्होंने भिन्न-भिन्न रूपों में परिभाषित किया है।
अति प्राचीन काल से समाज शब्द का प्रयोग मनुष्य के समूह विशेष के लिए होता आ रहा है। जैसे भारतीय समाज , ब्राह्मण समाज , वैश्य समाज , जैन समाज , शिक्षित समाज , धनी समाज , आदि। समाज के इस व्यवहारिक पक्ष का अध्यन सभ्यता के लिए विकास के साथ-साथ प्रारंभ हो गया था। हमारे यहां के आदि ग्रंथ वेदों में मनुष्य के सामाजिक जीवन पर पर्याप्त प्रकाश डाला गया है।
इनमें पति के पत्नी के प्रति पत्नी के पति के प्रति , माता – पिता के पुत्र के प्रति , पुत्र के माता – पिता के प्रति , गुरु के शिष्य के प्रति , शिष्य के गुरु के प्रति , समाज में एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के प्रति , राजा का प्रजा के प्रति और प्रजा का राजा के प्रति कर्तव्यों की व्याख्या की गई है।
मनु द्वारा विरचित मनूस्मृति में कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था और उसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है और व्यक्ति तथा व्यक्ति , व्यक्ति तथा समाज और व्यक्ति तथा राज्य सभी के एक दूसरे के प्रति कर्तव्यों को निश्चित किया गया है। भारतीय समाज को व्यवस्थित करने में इसका बड़ा योगदान रहा है इसे भारतीय समाजशास्त्र का आदि ग्रंथ माना जा सकता है।