Hindi, asked by devrajbharwad99, 1 day ago

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(05)
मानव एक सामाजिक प्राणी है। परस्पर सहयोग की भावना ही जीवन का आधार है। पारस्परिक सहयोग के
बिना समाज का कार्य चल ही नहीं सकता। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि मन, वचन और कर्म से दूसरों के
हित के लिए भी प्रयास करने को तत्पर रहे | प्रकृति का कण-कण परोपकार में लगा हुआ है | सूर्य खुद जलकर
दूसरों को प्रकाश देता है; वृक्ष स्वयं धूप सहकर पथिक को छाया प्रदान करते हैं; पेड़ दूसरों के लिए फल प्रदान
करते हैं, स्वयं नहीं खाते नदी अपना पानी स्वयं नहीं पीती जो व्यक्ति केवल स्वार्थ में लिप्त है वह पश के समान
है। परोपकार के कारन ही ईसा मसीह सूली चढ़ें, परोपकार के लिए ही सुकरात ने जहर पिया तथा गाँधीजी ने
शालियाँ खाई । मदर टेरेसा ने परोपकार के लिए ही अपना जीवन दीन-दुखियों की सेवा में लगा दिया भारतीय
परोपकार को मानव कर्तव्य बताया गया है। हमारी संस्कृति में सबके सुख तथा कल्याण की कामना
की जाता।
पथ्वी को ही एक कुटुम्ब के रूप में माना जाता है सच्चा मनुष्य वही है जो स्वयं के लिए ही
न जिए, अपितु अपने जीवन काल में परोपकार भी करें जिस देश में परोपकारी मनुष्य होते हैं, वे सदैव उन्नति को
प्राप्त करते हैं।
प्रश्न:
(1) पारस्परिक सहयोग के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए ?
(2) प्रकृति के कौन से तत्त्व परोपकार करते हैं ?
(3) इस परिच्छेदमें कौन से महापुरुषो के परोपकार की बात की गई है?
(4) सच्चा मनुष्य बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
(5) इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by surajlion78725
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Answer:

1) प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि मन, वचन और कर्म से दूसरों के

हित के लिए भी प्रयास करने को तत्पर रहे |

2) प्रकृति का कण-कण परोपकार में लगा हुआ है | सूर्य खुद जलकर

दूसरों को प्रकाश देता है; वृक्ष स्वयं धूप सहकर पथिक को छाया प्रदान करते हैं; पेड़ दूसरों के लिए फल प्रदान

करते हैं, स्वयं नहीं खाते नदी अपना पानी स्वयं नहीं पीती l

3). इस परिच्छेद में ईसा मसीह, गांधी जी ,मदर टेरेसा और सुकरात जैसे महापुरुषों की बात की गई है ।

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